फतेह लाइव रिपोर्टर
घाटशिला स्थित संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर में हर्षोल्लास के साथ 42वां स्थापना दिवस मनाया गया. कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि उप कुलपति सुभाष विश्वविद्यालय जमशेदपुर के डॉ प्रभात कुमार पानी, उपाध्यक्ष सत्संग सदन कोलकाता की निर्मला देवी कनोडिया, सचिव सत्संग सदन कोलकाता की उमा देवी केड़िया, सचिव संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर सुलोचना देवी बगारिया सह सचिव एस.के. देवड़ा, प्रशासिका शोभा गनेरीवाल, प्रबंधक डॉ प्रसेनजीत कर्मकार, प्रधानाचार्या नीलकमल सिन्हा, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य दीपक बजाज, वंदना अग्रवाल, आर.जी. चौमाल एवं निर्मल झुनझुनवाला के करकमलों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया. गणेश वंदना एवं गुरु वंदना नृत्य द्वारा आराध्य ईश्वर को नमन किया गया. विद्यालय की परंपरा का अनुसरण करते हुए सभी अतिथियों का स्वागत फलों की टोकरी द्वारा हुआ.
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विद्यालय प्रबंधन समिति की सदस्या वंदना अग्रवाल ने अपने स्वागत भाषण में उपस्थित सभी गणमान्य जनों का हार्दिक स्वागत व अभिनंदन किया. इसके उपरांत प्राचार्या नीलकमल सिन्हा ने विद्यालय के वर्ष भर के कार्यों एवं उपलब्धियों को साझा किया. इस अवसर पर उपस्थित सभी गणमान्य जनों ने विद्यालय की वार्षिक पत्रिका ‘अंकुर’ का विमोचन किया. विद्यालय सचिव सुलोचना देवी बगारिया ने विद्यालय के 42 वें स्थापना दिवस की ढेर सारी बधाई देते हुए विद्यार्थियों को जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया. इसके पश्चात विगत वर्ष 2023-24 के 10वीं और 12वीं कक्षाओं के बोर्ड टॉपर्स, विषय टॉपर्स, स्कॉलर्स एवं विभिन्न क्षेत्रों में अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों से विद्यालय का नाम रोशन वाले 31 छात्र-छात्राओं को उनके श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए विद्यालय परिवार की ओर से मेडल, प्रमाण पत्र एवं छात्रवृत्ति द्वारा सम्मानित किया गया.
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मुख्य अतिथि डॉ. प्रभात कुमार पानी ने सभी विद्यार्थियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन लिए ढेर सारी शुभकामनाएं दी और उनके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की. विद्यालय सह सचिव एसके देवड़ा एवं प्रबंधक डॉ. प्रसेनजीत कर्मकार द्वारा मुख्य अतिथि को शॉल, अंकुर पत्रिका व स्मृति चिह्ण देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए गंगा नदी की पवित्रता एवं दिव्यता को दर्शाते हुए चारों युगों (सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग व कलियुग) में होने वाले गंगा के महत्व व जीवन यात्रा को अद्भुत एवं विशेष नाट्य प्रस्तुति द्वारा रंगमंच पर उतारा गया. जिसका शीर्षक – उद्गम से संगम साक्षी गंगा (ऋषिकाल से कलिकाल तक) रहा. विद्यालय के सह सचिव शिवकुमार देवड़ा ने अपने वक्तव्य में गंगा नदी को आस्था, आशा एवं विवेक का प्रतीक बताते हुए उसके सांस्कृतिक व धार्मिक महत्वों को साझा किया. साथ ही विद्यार्थियों से जीवनदायिनी गंगा के सकारात्मक गुणों को आत्मसात करने का आग्रह किया.
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कार्यक्रम का सफल मंच संचालन 12वीं के छात्र गौरव अग्रवाल व छात्रा स्वास्तिका बोस और 11वीं की छात्रा तान्या कुमारी व शिखा साधु के द्वारा किया गया. इस कार्यक्रम के प्रभारी शिक्षक प्रभारी अनूप कुमार पटनायक, शैक्षणिक प्रभारी एस.आर. दत्ता, प्राइमरी विंग प्रभारी सुजाता वर्मा एवं शैक्षिक प्रभारी सास्वती राय पटनायक रही. कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रशासिका शोभा गनेरीवाल ने कार्यक्रम को सफल बनाने और सभी की बहुमूल्य उपस्थिति के लिए मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों, कोलकाता सत्संग सदन के सदस्यों, अभिभावकों, विद्यार्थियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, सहायक कर्मचारियों एवं समस्त विद्यालय परिवार के सदस्यों का तहे दिल से धन्यवाद किया. राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.