- राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के स्पेशल मॉनिटर डॉ. नायक ने घाटशिला में की अस्पताल का निरीक्षण
फतेह लाइव, रिपोर्टर
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के कुष्ठ रोग विभाग के स्पेशल मॉनिटर डॉ. प्रदीप्तो कुमार नायक ने शुक्रवार को घाटशिला अनुमंडल अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 2027 तक पूरे देश से कुष्ठ उन्मूलन संभव है, लेकिन इसके लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है. डॉ. नायक ने कहा कि वह अब तक झारखंड सहित सात राज्यों का दौरा कर चुके हैं और इन राज्यों में कुष्ठ रोग की स्थिति सबसे खराब झारखंड में पाई गई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा कुष्ठ रोगियों के लिए 100 से अधिक योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन झारखंड में इन योजनाओं का लाभ रोगियों तक सही ढंग से नहीं पहुंच पा रहा है.
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केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं का लाभ रोगियों तक नहीं पहुंच पा रहा
डॉ. नायक ने कहा कि कुष्ठ रोग सामान्यतः गरीब तबके के लोगों को प्रभावित करता है, और उनका प्रयास है कि इस रोग की दवा हर मरीज तक पहुंच सके. उन्होंने घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में अस्पताल प्रभारी डॉ. राजेंद्र सोरेन और जिला कुष्ठ रोग अधिकारी के साथ बैठक की और अस्पताल का मुआयना किया. डॉ. नायक ने कहा कि कुष्ठ रोगियों के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी स्कूल या कार्यालय में कुष्ठ रोगी के साथ भेदभाव किया जाता है, तो यह कानूनी रूप से गलत है और ऐसी शिकायत पर संबंधित संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
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झारखंड में 383 कुष्ठ रोगी, 21 आश्रमों में हो रहा इलाज
इस अवसर पर राज्य के कुष्ठ निवारण अधिकारी अनिल कुमार और जिला कुष्ठ निवारण अधिकारी डॉ. मृत्युंजय धावड़िया भी उपस्थित थे. डॉ. धावड़िया ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में वर्तमान में 21 आश्रम चलाए जा रहे हैं, जहां कुष्ठ रोगियों का इलाज और देखभाल की जा रही है. वर्तमान में जिले में 383 कुष्ठ रोगी हैं, जिनमें से घाटशिला प्रखंड में 40 रोगी शामिल हैं.