फतेह लाइव, रिपोर्टर.






































शीतला मंदिर सह मरियम्मम अलायम मंदिर मुसाबनी में तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत शनिवार से हुई. रविवार को दक्षिण भारत से आए 30 पुजारी की मौजूदगी में पारंपरिक वाद्य यंत्रों से पूरा माहौल गुंजायमान हो उठा. इस दौरान शीतला मंदिर के बाहर बने भव्य पंडाल में कलश स्थापना के बीच हवन पूजन का जारी रहा. दक्षिण भारत से आए पुजारी ने अपने पूरे विधि विधानसे इस पूजा को संपन्न कराया. हालांकि इस कार्यक्रम का समापन सोमवार को होगा.
रात को काफी संख्या में श्रद्धालु पूजन कार्यक्रम के साथ-साथ प्रसाद वितरण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. इस संबंध में शीतला मंदिर कमेटी के सदस्यों ने बताया कि इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन भी काफी संख्या में लोगों ने आकर पूजन कार्यक्रम में भाग लिया. इस मौके पर मंदिर की आकर्षक साज सज्जा की गई है.
बता दें कि इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1936 में हुआ था. उस समय माता शीतला को एक अस्थाई ढांचे में रखा गया था, लेकिन इस कार्यक्रम के पहले मंदिर में दक्षिण भारत से नई मूर्तियां मंगाई गई है. इसके अलावा गुंबद पर रखने के लिए कई प्रकार की आकर्षक कलश भी लाए गए हैं. मूर्ति को स्थापित करने का काम पूरा हो चुका है. इसके अलावा शीतला माता को उनकी छः बहनों के साथ अलग से स्थापित किया गया है. मंदिर परिसर की आकर्षक नकाशी भी की गई है. प्रवेश द्वार पर माता शीतला की प्रतिमा ऊपरी छोर पर लगाई गई है, जिससे इसकी भव्यता और भी बढ़ जा रही है.
मंदिर के कार्यक्रम को सुनने के लिए मंदिर परिसर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर कई ध्वनि विस्तारक भी लगाए गए हैं, जिससे मुसाबनी बाजार तक के लोग इन वैदिक मंत्र उच्चारण को सुन पा रहे हैं. काफी संख्या में महिलाएं इस पूजन कार्यक्रम को देखने पहुंच रही हैं.