- प्रकृति और परंपरा संग आदिवासी समाज ने किया पर्व का उत्सव
फतेह लाइव, रिपोर्टर
गिरिडीह जिले में आदिवासी छात्रसंघ के नेतृत्व में आयोजित शिकार देशोम बाहा बोंगा महोत्सव में जिले भर के आदिवासी समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए. यह पर्व प्रकृति से जुड़ा हुआ है और इसमें आदिवासी पुरोहित नायके बाबा के द्वारा जिला मांझीथान के बगल में स्थित जाहेरथान पूजा स्थल पर विधिवत पूजा अर्चना की गई. इस दौरान सरहुल के महत्व को उजागर करते हुए बताया गया कि यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की सांस्कृतिक धरोहर है जो पर्यावरण के संरक्षण और पारंपरिक मूल्यों के सम्मान की सीख देती है.
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आदिवासी परंपरा का प्रतीक शिकार देशोम बाहा बोंगा महोत्सव
कार्यक्रम के अंतर्गत पारंपरिक नृत्य शैली के माध्यम से रोड शो मांझी थान से लेकर HE+2 छात्रावास प्रांगण में कार्यक्रम का अखाड़ा सम्पन्न हुआ. इस अवसर पर झारखंड के उच्च शिक्षा, तकनीकी, पर्यटन और संस्कृति मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने विशेष अतिथि के रूप में भाग लिया और बाहा पर्व की शुभकामनाएं दीं. इस मौके पर आदिवासी समाज के कई प्रमुख व्यक्तित्व जैसे नूनका टुडू, नुनु लाल मरांडी, सिकंदर हेंब्रम, आदिवासी छात्रसंघ के जिला अध्यक्ष प्रदीप सोरेन, सचिव मदन हेंब्रम और अन्य समाजिक कार्यकर्ताओं ने इस महापर्व को सफल बनाने में सहयोग दिया.