• बलिदान दिवस पर सुदेश महतो और संजय मेहता ने झारखंड के सवालों पर राज्य सरकार को घेरा, आंदोलन तेज करने का ऐलान

फतेह लाइव, रिपोर्टर

झारखंड के आंदोलनकारियों की उपेक्षा पर आजसू पार्टी ने बलिदान दिवस के मौके पर तीखी प्रतिक्रिया दी. पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने राँची के खेलगाँव स्थित हरिवंश टाना भगत इंडोर स्टेडियम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि “झारखंड आंदोलनकारियों को अपने ही राज्य में पहचान के लिए जूझना पड़ रहा है.” उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों की भावना और योगदान को भूल गई है. बलिदान दिवस पर सुदेश महतो ने झारखंड के नवनिर्माण का संकल्प दोहराया और कहा कि आजसू केवल राजनीति नहीं बल्कि विचारधारा और जनसरोकार की लड़ाई लड़ रही है.

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झारखंड आंदोलनकारियों की अनदेखी पर आजसू ने क्यों उठाई आवाज?

कार्यक्रम में आजसू के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी और वरिष्ठ नेता संजय मेहता ने भी सरकार पर हमला बोला. संजय मेहता ने कहा कि “झारखंड की आज की पीढ़ी को झारखंड नवनिर्माण का संकल्प लेना होगा.” उन्होंने राज्य में स्थानीयता, नियोजन, नियुक्ति, पेसा कानून, सरना धर्म कोड, जमीन अधिग्रहण, ओबीसी आरक्षण जैसे अहम मुद्दों पर सरकार की विफलता को उजागर किया. साथ ही, राज्य में लगातार बढ़ रही हिंसा और प्रशासनिक भ्रष्टाचार पर भी चिंता जताई. उनका कहना था कि राज्य को केवल घोषणाओं से नहीं बल्कि ठोस राजनीतिक इच्छाशक्ति से चलाना होगा.

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क्या सरकार झारखंड के युवाओं की उम्मीदों पर खरी उतर रही है?

बलिदान दिवस कार्यक्रम में झारखंड, उड़ीसा और बंगाल से लगभग 20 हजार कार्यकर्ता शामिल हुए. आजसू ने इस अवसर पर एकजुटता और संगठन की ताकत का प्रदर्शन किया. मंच से नेताओं ने यह संदेश दिया कि आजसू पार्टी झारखंड के मूल मुद्दों की लड़ाई को तेज करेगी और सभी 264 प्रखंडों में सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ आंदोलन चलाया जाएगा. संजय मेहता ने यह भी स्पष्ट किया कि अब सिर्फ़ भाषण नहीं, बल्कि जनआंदोलन की ज़रूरत है. आजसू झारखंड की आवाज़ बनेगी और युवाओं की आकांक्षाओं को मजबूती से उठाएगी.

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झारखंड की सड़कों से विधानसभा तक आजसू की रणनीति क्या होगी?

बलिदान दिवस पर आजसू ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जनता के मुद्दों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं होगी. सुदेश महतो ने कहा कि “राजनीति हमारे लिए सत्ता नहीं बल्कि वैचारिक क्रांति है.” उन्होंने दोहराया कि झारखंड आंदोलन के जनक आजसू हैं और पार्टी राज्य के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है. संजय मेहता ने यह भी कहा कि झारखंड की जनता अब बदलाव चाहती है और आजसू पार्टी इसके लिए तैयार है. पार्टी अब मुख्य विपक्ष की भूमिका में जनआंदोलनों के ज़रिए सरकार को जवाबदेह बनाएगी.

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