- अरगाघाट स्थित दुर्गा मंडा के समीप स्थापित यह प्रतिमा 25 वर्षों से भक्तों के बीच आस्था का प्रतीक बनी हुई है
- 25 वर्ष पूर्व देखे गए सपने को लोगों ने मेहनत से किया साकार
फतेह लाइव, रिपोर्टर


























गिरिडीह शहरी क्षेत्र के अरगाघाट स्थित दुर्गा मंडा के समीप बनी वीर हनुमान जी की 40 फीट ऊंची आदमकद प्रतिमा आज भी वर्षों बाद लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. करीब 25 वर्ष पूर्व यहां के स्थानीय लोगों ने इस प्रतिमा के निर्माण का सपना देखा था, जिसे सबके सहयोग और परिश्रम से मूर्त रूप दिया गया. उस समय झारखंड राज्य अस्तित्व में नहीं आया था, और तब इतनी विशालकाय हनुमान प्रतिमा झारखंड में कहीं और नहीं थी.
इसे भी पढ़ें : Seraikela : राजनगर में चम्पाई सोरेन ने धर्मांतरण और घुसपैठ के खिलाफ भरी हुंकार, आदिवासी अस्मिता बचाने का किया आह्वान
हर पर्व पर उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़, बाहर से भी आते हैं दर्शक
हनुमान जी की इस भव्य मूर्ति की स्थापना के बाद से हर वर्ष रामनवमी, दुर्गा पूजा, हनुमान जन्मोत्सव जैसे पर्वों के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. गिरिडीह ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों व अन्य राज्यों से भी लोग दर्शन करने और फोटो खिंचवाने आते हैं. यह प्रतिमा श्रद्धा के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन का भी केंद्र बन गई है, जहां भक्त न केवल पूजा करते हैं बल्कि सेल्फी और तस्वीरें लेकर अपनी श्रद्धा के पलों को संजोते हैं.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : उलीडीह में करंट लगने से गाय की मौत, जेडीयू नेताओं की पहल पर मिला मुआवजा
स्थापना में जुटे थे कई समर्पित लोग, अब बन गया सांस्कृतिक प्रतीक
प्रतिमा निर्माण में स्थानीय निवासी भूपेंद्र ओझा के नेतृत्व में राजेश शर्मा, कृष्णकांत सिन्हा, अमरनाथ सिंह, गुड्डू यादव, अशोक केसरी, बबलू कुमार राय, दीपक वर्मा, पन्नू सिंह, राजेंद्र सिंह सहित अन्य लोगों ने तन, मन और धन से सहयोग किया था. यह प्रतिमा अब गिरिडीह की पहचान बन गई है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत भी है. आज यह न सिर्फ धार्मिक महत्व रखती है बल्कि सामूहिक प्रयास की एक मिसाल भी है.