फतेह लाइव, रिपोर्टर.






































गिरिडीह समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला निर्वाचन पदाधिकारी, नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में विधानसभा आम चुनाव 2024 के निमित्त सभी राजनैतिक दलों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में आदर्श आचार संहिता के उचित अनुपालन को लेकर विचार विमर्श किया गया। बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा के साथ ही पूरे जिले में आचार संहिता लागू की गई है। साथ ही आगामी चुनाव में आचार संहिता के उचित अनुपालन को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई तथा मतदान प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए सभी दलों से सहयोग की अपील की गई।
वहीं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा भी चुनाव के दौरान आयोग से कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कदम उठाए जाने के सुझाव दिए गए। इसके साथ ही उन्होंने सभाओं, जुलूस, मतदान दिवस, मतदान बूथ, C-VIGIL, सुविधा ऐप, संपति विरूपण अधिनियम, MCMC सर्टिफिकेशन, रोड शो, चुनाव बूथ के संबंध में आयोग द्वारा जारी विस्तृत दिशा निर्देशों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के इस महापर्व में सभी लोग भाग लें तथा एक मजबूत लोकतंत्र का निर्माण करें और मतदाताओं को मतदान के लिये प्रेरित करें। मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की अगर कोई त्रुटि हो तो तुरंत अवगत कराएं। इसके अलावा जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को सुविधा कैंडिडेट पोर्टल और ऐप से जुड़ी विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि सुविधा एक ऑनलाइन पोर्टल और ऐप है, जो मिटिंग, रैलियों, वाहनों, लाउडस्पीकरों और अन्य सभी प्रकार की अनुमतियों के लिए वन-स्टॉप समाधान है। इस ऐप का उपयोग करने के लिए, उम्मीदवारों को एक अकाउंट बनाना होगा और अपनी क्रैडेंशियल के साथ लॉग इन करना होगा। लॉग इन करने के बाद उम्मीदवार अपने नामांकन और अनुमति की स्थिति देख सकते हैं। इस ऐप के साथ आप प्रचार के लिए आवश्यक अनुमतियों की सूची देख सकते हैं। अपने अनुमति आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं। परमिशन फॉम को डाउनलोड करने और उसे ऑनलाइन जमा करने के लिए भी इस ऐप का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि चुनाव के दिनों में आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन न हो इसके लिए चुनाव आयोग द्वारा सि-विजिल एप्प बनाया गया है। इस ऐप की मदद से चुनाव से जुड़ी कोई भी शिकायत को चुनाव आयोग तक पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा ऐप में चुनाव सीमा के भीतर एप्लीकेशन के जरिए साइन-इन कर मोबाइल फोन से फोटो/ऑडियो/वीडियो लेकर आचार संहिता उल्लंघन की रिपोर्ट करने की सुविधा भी मिलती है। इस ऐप में आपको जियो टैगिंग की सुविधा भी जोड़ी गई है। इससे आयोग को घटना की सही लोकेशन मिल जाती है।
इसके अलावा बैठक में सदर अनुमंडल पदाधिकारी, श्रीकांत या विस्पुते ने समस्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से परिचय प्राप्त कर, उन सभी से आदर्श आचार संहिता के अनुपालन की अपील की। उन्होंने कहा कि चुनाव कार्यक्रम को सकुशल सम्पन्न कराने में लगे सभी अधिकारियों व पार्टी पदाधिकारियों के बीच आपसी तालमेल व स्वस्थ्य संचार के माध्यम से सभी जानकारियां साझा की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि लोकतंत्र के इस महापर्व में सबकी भागीदारी होती है और सभी के सहयोग से ही हम विधानसभा चुनाव 2024 संपन्न कराने में कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा आम चुनाव 2024 के सफल संचालन में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की फेक न्यूज़ या फेक वीडियो को फॉरवर्ड ना करें। विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए तथा पारदर्शी, शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिये जिला प्रशासन कटिबद्ध है। साथ ही अपील किया कि आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत नियमों का पालन करें।
आदर्श आचार संहिता के नियमों के उल्लंघन करने पर सुसंगत धाराओं में विधिक कार्रवाई की जाएगी।
इसके अतिरिक्त उप निर्वाचन पदाधिकारी रंथू महतो ने राजनीतिक दल के सदस्यों को संपति विरूपण अधिनियम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वैसे सरकारी भवन, दीवार, मैदान आदि जिसमें किसी भी प्रकार का दीवार लेखन, पोस्टर/पंपलेट, होर्डिंग्स आदि लगाया गया है, उसे आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने के 24 घंटे के अंदर निश्चित रूप से हटा लिया जाना चाहिए। इसके अलावा बताया गया कि सी-विजिल ऐप, सुविधा ऐप, MCMC सर्टिफिकेशन, आयोग द्वारा निर्वाचन व्यय की निर्धारित की गई अधिकतम व्यय सीमा विधानसभा में 40,00,000 है।
सार्वजनिक संपत्ति का विरूपण:
वैसे सभी सार्वजनिक संपत्ति जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, रेलवे ब्रिज, सड़क, बिजली, टेलीफोन के खंभे, नगर निगम के भवन आदि में प्रचार प्रसार की सामग्री यथा दीवार लेखन, पोस्टर/पंपलेट, होर्डिंग्स आदि लगाया गया, उसे आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने के 48 घंटे के अंदर निश्चित रूप से हटा लिया जाना चाहिए।
निजी संपत्ति का विरूपण:
निजी संपत्ति पर अनाधिकृत रूप से लगाये गये राजनीतिक प्रचार-प्रसार की सामग्री को आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने के 72 घंटे के अंदर हटा लिया जाना चाहिए।
सरकारी वाहन का प्रयोग:
आयोग के निदेशानुसार सरकारी वाहन का प्रयोग राजनीतिक दल, अभ्यर्थी और चुनाव प्रचार आदि से जुड़े अन्य व्यक्ति को नहीं किया जाना है।
अभ्यर्थियों का नया खाता खुलवाना:
चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों के द्वारा नया बैंक एकाउंट खोला (बैंक/पोस्ट ऑफिस / कॉपरेटिव बैंक) जाना है। यह बैंक खाता अभ्यर्थी के नाम से अथवा उसके निर्वाचन अभिकर्ता के साथ संयुक्त रूप से हो सकता है। यदि नाम निर्देशन अवधि अथवा इसके उपरांत किसी व्यक्ति के द्वारा चुनाव लडने के प्रयोजन से खाता खोलने हेतु आग्रह किया जाता है तो संबंधित बैंक के द्वारा प्राथमिकता देते हुए उस व्यक्ति का खाता Open किया जायेगा। साथ ही चुनाव प्रक्रिया के दौरान अभ्यर्थी / उसके अभिकर्ता के द्वारा उक्त खाते से किये जानेवाले Transactions (withdraw/deposit) में बैंक के द्वारा प्राथमिकता दिया जायेगा।
बाइक और वाहनों का उपयोग:
वाहनों के काफिले के नियमों के अनुसार बाइकों की संख्या सीमित की जा सकती है. जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि किसी भी परिस्थिति में कारों वाहनों को सुरक्षा वाहनों को छोड़कर दस से अधिक वाहनों के काफिले में चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दस से ज्यादा वाहनों वाले सभी बड़े काफिलों को तोड दिया जाएगा, भले ही उनमें केंद्र या राज्य सरकार का कोई मंत्री या कोई अन्य व्यक्ति हो। हालाँकि, यह किसी भी ऐसे व्यक्ति के संबंध में जारी किए गए किसी भी सुरक्षा निर्देश के अधीन होगा। यदि कोई व्यक्ति ऊपर निर्धारित सीमा से अधिक वाहनों के काफिले में चलता है, भले ही काफिला टूटा हुआ हो. तो स्थानीय प्रशासन का यह कर्तव्य होगा कि वह यह सुनिश्चित करे कि चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए ऐसे वाहनों का उपयोग न होने दिया जाए। प्रचार प्रयोजन के लिए अनुमत बाइकों के अलावा अन्य बाइकों के उपयोग को निषेधाज्ञा अर्थात सीआरपीसी की धारा 144 नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत विनियमित किया जाएगा। एक बाइक पर केवल एक झंडा (अधिकतम 1 फीट x 1/2 फीट का) लगाने की अनुमति होगी। चुनावों के दौरान प्रचार चुनाव प्रचार या चुनाव संबंधी यात्रा के लिए सरकारी वाहन के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है।
जुलूसों और चुनावी सभाओं में लाउडस्पीकरों का प्रयोग:
चुनाव प्रचार के उद्द्देश्य से सार्वजनिक बैठकों के लिए उपयोग की जाने वाली सार्वजनिक संबोधन प्रणाली या लाउडस्पीकर या कोई भी ध्वनि प्रवर्धक, चाहे वह किसी भी प्रकार के वाहन पर लगा हो या स्थिर स्थिति में हो, उसका उपयोग रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच नहीं किया जाएगा। क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में स्थानीय धारणाओं और अन्य प्रासंगिक बातों जैसे मौसम की स्थिति त्यौहार का मौसम परीक्षा अवधि आदि पर भी विचार किया जाना चाहिए। सभी लाउडस्पीकरों का उपयोग चाहे सामान्य प्रचार के लिए किया जाए या सार्वजनिक बैठकों या जुलूसों के लिए और चाहे चलती गाडियों पर या अन्यथा उपयोग किया जाए उनका उपयोग केवल ऊपर उल्लिखित प्रतिबंधित अवधि के अतिरिक्त ही किया जाएगा। उपरोक्त निर्धारित समय के बाद उपयोग किए जाने वाले सभी लाउडस्पीकरों को इन लाउडस्पीकरों के उपयोग से संबंधित सभी उपकरणों सहित जब्त कर लिया जाएगा। आयोग ने आगे निर्देश दिया है कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लाउड स्पीकर एम्पलीफायर द्वारा उत्पन्न ध्वनि का डेसिबल प्रासंगिक कानून/दिशानिर्देशों के तहत तय की गई स्वीकार्य सीमा से अधिक न हो। डीईओ उपयुक्त तंत्र स्थापित करके इसकी निगरानी करेंगे। सभी राजनीतिक दल, अभ्यर्थी तथा अन्य व्यक्ति जो चलते वाहों पर लाउडस्पीकर का प्रयोग करते हैं जिनमें ट्रक टैम्पो, कार, टैक्सी वैन तिपहिया स्कूटर साइकिल रिक्शा आदि शामिल हैं वे लाउडस्पीकर के प्रयोग की अनुमति देने वाले प्राधिकारियों को उन वाहनों की पंजीकरण पहचान संख्या बताएंगे तथा वाहनों की ऐसी पंजीकरण पहचान संख्या संबंधित प्राधिकारियों द्वारा दिए गए परमिटों पर दर्शाई जाएगी।
बैठक में उपरोक्त के आलावा उप विकास आयुक्त, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला कोषागार पदाधिकारी, सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि समेत जिला के वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।