- सद्गुरु कबीर की अमृतवाणी से मंत्रमुग्ध हुए हजारों श्रद्धालु, विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित
फतेह लाइव, रिपोर्टर
गिरिडीह स्थित श्री कबीर ज्ञान मंदिर के पावन प्रांगण में संत सम्राट सद्गुरु कबीर साहब की 627वीं जयंती सह आविर्भाव महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया. यह आयोजन न केवल गिरिडीह बल्कि झारखंड के साथ-साथ अन्य राज्यों से आए हजारों श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक उत्सव बन गया. कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः आठ बजे सद्गुरु कबीर साहब के कृत बीजक के सस्वर पाठ और यज्ञ-हवन के साथ हुई. सद्गुरु मां के सानिध्य में हजारों श्रद्धालुओं ने मंत्रोच्चार के माध्यम से वैदिक यज्ञ किया, जो आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण था. सद्गुरु मां ने इस मौके पर कहा कि कबीर की वाणी खालिस अमृत है, जो मानवता के लिए एक संजीवनी बूटी की तरह है. उन्होंने बताया कि यदि मनुष्य कबीर के वचनों का अनुसरण करता है तो उसे अनंत आत्मसुख प्राप्त होता है और संसार स्वर्ग के समान सुखद बन जाता है.
इसे भी पढ़ें : Bokaro : बोकारो पुलिस ने बैटरी चोरी का किया खुलासा, 112 बैटरियों के साथ आरोपी गिरफ्तार
महोत्सव के मुख्य आकर्षण में प्रातः 10 बजे आयोजित लोक प्राकट्य महोत्सव था, जिसमें सद्गुरु कबीर साहब के वाराणसी के लहरतारा सरोवर में कमल पुष्प पर अवतरण की घटना को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया गया. इसके बाद नन्हे-मुन्हे बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिसने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसी अवसर पर सद्गुरु कबीर साहब की साखी दर्पण भाग 2 का विमोचन सद्गुरु मां द्वारा किया गया. इस पुस्तक में कबीर के जीवन से जुड़े साख्यों की सरल और प्रभावशाली व्याख्या शामिल है. सद्गुरु मां ने बताया कि कबीर साहब न तो किसी पंथ के प्रचारक थे और न ही केवल शास्त्रों के आधार पर, बल्कि उन्होंने अनुभव के माध्यम से मानव समाज को आडंबर और पाखंड से मुक्त कर सच्चे धर्म का संदेश दिया. उन्होंने प्रेम का ढाई आखर वाला संदेश फैलाया, जो आज भी मानवता के लिए मार्गदर्शक है.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : परसुडीह हलुदबनी में राशन डीलर की मनमानी से ग्रामीण हुए आक्रोशित
सद्गुरु मां ने कहा कि भारत में कई संत हुए हैं, लेकिन सद्गुरु कबीर अपने संदेश और महत्ता में सभी से अनूठे हैं. समकालीन संतों ने भी कबीर की महिमा का गुणगान किया है. अपराह्न 2 बजे से नाट्य मंचन, बाल्य प्रस्तुति और संत-भक्तों के उद्बोधन आयोजित किए गए, जिसमें कबीर के सुमधुर भजनों ने कार्यक्रम स्थल को आध्यात्मिक अनुभूति से भर दिया. उपस्थित श्रद्धालुओं ने भजनों में जमकर भाग लिया और कबीर के प्रेमपूर्ण संदेश को आत्मसात किया.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : उपायुक्त की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक, जिले में चिकित्सीय सुविधाओं की समीक्षा
महोत्सव की समाप्ति महाआरती और विशाल भंडारे के साथ हुई, जिसमें सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया. इस भव्य आयोजन ने न केवल कबीर की शिक्षाओं को जीवंत किया, बल्कि सामाजिक सद्भाव और आध्यात्मिक चेतना को भी प्रबल किया. गिरिडीह के श्री कबीर ज्ञान मंदिर में यह आयोजन आने वाले वर्षों में भी कबीर साहब के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम रहेगा.