- बाल अधिकारों व सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ 60 गांवों में एक माह तक चलेगा जागरूकता अभियान
- ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु नए प्रयास
फतेह लाइव, रिपोर्टर
गिरिडीह जिले में बाल अधिकारों और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से करुणामय बाल मित्र ग्राम कारवां का शुभारंभ जिला समाहरणालय परिसर से किया गया. यह अभियान कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के नेतृत्व में चलाया जा रहा है, जो महाराष्ट्र से शुरू होकर अब झारखंड के बाद राजस्थान तक जागरूकता संदेश पहुंचा रहा है. इस मौके पर उपायुक्त रामनिवास यादव, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. विमल कुमार, जिला उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी सहित अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से इस कारवां को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह कारवां देवरी, तिसरी और गांवा प्रखंड के 60 से अधिक गांवों में जाकर बाल मजदूरी, बाल विवाह, बाल तस्करी, नशा, घरेलू हिंसा जैसी कुरीतियों के खिलाफ लोगों को जागरूक करेगा. शुभारंभ समारोह में नाटकशाला की टीम ने भी सामाजिक संदेश से भरपूर नाटक प्रस्तुत किया.
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बाल अधिकारों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने का अभियान
इस कारवां का उद्देश्य गांव-गांव जाकर बच्चों, महिलाओं, पंचायत प्रतिनिधियों और युवा एवं महिला मंडलों को जागरूक कर सामुदायिक भागीदारी को सशक्त बनाना है. अभियान के दौरान नुक्कड़ नाटक, बाल चौपाल, जन संवाद, दीवार लेखन, स्कूल और ग्रामसभा स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. बाल पंचायत की सक्रिय भूमिका इस पहल में अहम होगी, जो गांवों में बच्चों की आवाज बनकर बदलाव की दिशा में कार्य करेगी. उपायुक्त रामनिवास यादव ने कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव तभी संभव है जब बच्चे अपनी समस्याओं को समझें और स्वयं समाधान की दिशा में कदम बढ़ाएं. बाल मित्र ग्राम कारवां इसी सोच को व्यवहार में लाने का प्रयास है.
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बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए बाल पंचायतों की भूमिका महत्वपूर्ण
यह जागरूकता अभियान बाल अधिकारों के संरक्षण के साथ-साथ समुदायों को बच्चों की भलाई के लिए एकजुट करेगा. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में यह पहल ग्रामीण समाज में नई चेतना का संचार करेगी. अभियान के तहत स्थानीय समुदायों को सामाजिक बुराइयों से लड़ने और बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सशक्त बनाए जाने पर जोर दिया जाएगा. इसके माध्यम से बच्चों के लिए सुरक्षित, शिक्षित और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने का संकल्प मजबूत होगा.
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कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के प्रयासों से बच्चों का अधिकार सुरक्षित
कार्यक्रम में जिला प्रशासन के साथ-साथ कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के सुरेंद्र पंडित, संदीप नयन, उदय राय, राजू सिंह, नाटकशाला की टीम और अन्य सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे. उन्होंने कारवां के माध्यम से बच्चों के अधिकारों के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने के लिए अपने अनुभव साझा किए. यह अभियान आगामी 30 दिनों तक जिले के तीन प्रखंडों के सुदूर और अति-सुदूर गांवों में व्यापक रूप से चलेगा, जहां ग्रामीण क्षेत्रों में बाल अधिकारों के संरक्षण एवं सामाजिक बदलाव की आवश्यकता सबसे अधिक है.