• सरकारी न्यूनतम मजदूरी से भी कम वेतन के खिलाफ झंडा मैदान पर जोरदार प्रदर्शन

फतेह लाइव, रिपोर्टर

गिरिडीह में किसान जनता पार्टी रसोइया सहिया जल सहिया किसान मित्र सहयोगी मंच ने मंगलवार को झंडा मैदान में धरना प्रदर्शन कर सम्मानजनक मानदेय देने की मांग की. किजपा महासचिव भागीरथ राय ने बताया कि विद्यालय में भोजन बनाने वाली रसोइया, सहिया जल सहिया और किसान मित्र सरकार के अधीन काम करते हैं, लेकिन उन्हें जो वेतन मिलता है वह सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी के एक चौथाई से भी कम है. उन्होंने कहा कि यदि कोई दुकानदार या फैक्ट्री मालिक इतना कम वेतन देता है तो उस पर कार्रवाई होती है, लेकिन सरकार के अधीन काम करने वालों की हालत पर सत्ताधारी दल और विपक्ष के नेता मौन हैं. किजपा कार्यालय सचिव विजय कुमार ने कहा कि इन लोगों ने सरकारी काम होने की उम्मीद से अपना समय और मेहनत लगाई, लेकिन वेतन और सुविधाएं अभी तक पूरी नहीं मिली हैं.

इसे भी पढ़ें : Ghatsila : उप विकास आयुक्त ने गुड़ाबांदा प्रखंड का निरीक्षण कर विकास योजनाओं की समीक्षा की

रसोइया-सहिया कर्मचारियों के वेतन में न्याय की मांग

किसान जनता पार्टी के संयोजक दासो मुर्मू ने कहा कि शोषितों के लिए लड़ने वाली पार्टी ने रसोइया, सहिया, जल सहिया और किसान मित्रों के लिए सम्मानजनक मानदेय दिलाने के आंदोलन का शंखनाद कर दिया है. उन्होंने बताया कि 17 जून 2025 को झंडा मैदान में एक बैठक होगी जिसमें इन मंचों के लिए क्रांतिकारी विचारों वाला अध्यक्ष चुना जाएगा, जो इस आंदोलन का नेतृत्व करेगा. तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा जब तक सम्मानजनक वेतन और सरकारी सुविधाएं सुनिश्चित नहीं हो जातीं. धरना समाप्त होने के बाद प्रदर्शनकारी मंच के सदस्य गिरिडीह के वकालतखाना पहुंचे और किसान हितों के लिए संघर्ष कर रहे अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह को उनके साहस और मेहनत के लिए माला पहनाकर सम्मानित किया गया.

इसे भी पढ़ें : Potka : जहरीले सांप के काटने से 13 वर्षीय लड़की की मौत, लड़की का फूफा गंभीर रूप से घायल

किसान जनता पार्टी का आगामी आंदोलन और रणनीति

धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान जनता पार्टी के सदस्य मौजूद रहे. मंच के कई वरिष्ठ और कार्यकर्ता जैसे संतोष एलीजाबेद मुर्मू, नीलम देवी, खुसबू देवी, मालती देवी, सुमनी सोरेन, ललिया देवी, जहाँगीर अंसारी समेत अन्य ने जोरदार आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि वेतन और सुविधाओं के अभाव में इन कामगारों का जीवन कठिन हो गया है और उनका सम्मान करना सरकार की जिम्मेदारी है. आंदोलन के दौरान सभी ने मिलकर दृढ़ संकल्प जताया कि वे अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण लेकिन सशक्त संघर्ष जारी रखेंगे.

Share.
© 2025 (ਫਤਿਹ ਲਾਈਵ) FatehLive.com. Designed by Forever Infotech.
Exit mobile version