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कॉमरेड सीताराम येचुरी के निधन से भारत के तमाम दबे कुचले, मजदूर, किसान को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. येचुरी जैसे मुखर नेता सिर्फ कम्युनिस्ट की ही आवाज नहीं थे, बल्कि पूरे भारत के गरीब, दलित छात्र, दबे कुछ ले लोग, महिला अल्पसंख्यक, मजदूर,अनुबंध कर्मी तमाम लोगों की आवाज थे. सीताराम येचुरी, सीताराम एक पार्टी से नहीं बल्कि उन तमाम लोगों से संबंध रखते थे, जिनको भाजपा के गलत नीतियों ने सताया है. उनकी बहुत बड़ी आवाज थे येचुरी.
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गिरिडीह विधानसभा के तमाम माले के सदस्य और क्रांतिकारी सोच वाले संगठन उनको श्रद्धांजलि देता है. साथ ही साथ उनके संगठन और उनके परिवार को जो दुख हुआ है, वह क्षतिपूर्ति होना संभव है फिर भी उनके नक्शे कदम पर भारत के गरीब की आवाज बनकर मुखर खड़े रहेंगे.
तमाम क्रांतिकारी सोच वाले लोग, आज तमाम भारतवासी जो भाजपा सताए जा रहे हैं उनकी आवाज को भारी क्षति हुई है. युगो युगो तक याद किए जायेंगे येचुरी. भाजपा के गलत नीतियों के खिलाफ लगातार मुखर होकर बात करने वाले येचुरी थे. भाजपा को पीछे धकेलने वाले येचुरी थे. संघ को पीछे धकेलने वाले एक बड़ी आवाज येचुरी ही थे. आज हम सभी उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं.