फतेह लाइव, रिपोर्टर
उसरी नदी शास्त्रीनगर अमित बरदियार घाट में आयोजित उसरी महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को कई वक्ताओं ने पर्यावरण बचाने के लिए अपने-अपने विचार व्यक्त किए. मुख्य अतिथि सीसीएल बनियाडीह के जीएम बासव चौधरी ने कहा कि उसरी नदी के इस घाट में छिलका डैम बनाने के लिए सीसीएल ने 4 करोड़ रुपए सेंक्शन किये हैं. पहले 2 करोड़ रुपए सेंक्शन हुआ था लेकिन डीपीआर बनाते-बनाते 4 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. श्री चौधरी ने कहा कि उसरी नदी के बारे में बंगाल में ही रविन्द्र नाथ टैगोर की कविता में पढ़ा था. इसलिए मेरे दिल में उसरी नदी बसा हुआ है. पहले वाटर फॉल देखा. अब उसरी नदी को बचना जरूरी है.
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उन्होंने कहा कि उसरी बचाव अभियान बहुत बेहतर काम कर रहा है. पर्यटन मंत्री सुदिव्य सोनू की अच्छी पहल है. इसके पहले कला संगम के सचिव सतीश कुंदन ने कहा कि उसरी नदी को बचाने के लिए आलोचना करना जरूरी नहीं है जबकि आगे आने की जरूरत है. पर्यावरण को बचाइए तभी जीवन भी बचेगा. मनरेगा लोकपाल धरनीधर प्रसाद ने कहा उसरी बचाने का सामूहिक प्रयास जरूरी है. समाजसेवी पंकज ताह ने कहा कि जल है तो जंगल है और जंगल है तभी जमीन है. महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर इस उसरी नदी के सौंदर्य को देखते हुए कई कविताओं की रचना की है. कई फिल्मों की शूटिंग भी हुई है. पेड़ काटना हत्या के समान है. पेड़ बचाएं, तभी पर्यावरण बचेगा. इनर व्हील क्लब की पूनम सहाय ने कहा कि उसरी नदी बहुत सुंदर है, लेकिन, कहीं-कहीं खराब स्थिति में है, जिसे बचाना जरूरी है. प्लास्टिक को नकारें. कपड़ा के थैलों का इस्तेमाल करें.
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सबाना रब्बानी ने कहा कि पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए पेड़ लगाएं, उसरी को स्वच्छ रखने का प्रण लें. मंच संचालन कर रहे उसरी बचाव अभियान के कोर कमिटी के संयोजक राजेश सिन्हा ने कहा कि उसरी के उद्दगम स्थल से आंदोलन शुरू करेंगे. लोगों को जोड़ेंगे और उसरी फॉल तक आंदोलन करेंगे. गिरिडीह के प्रकृति को बचाने के लिए एक लाख लोगों को एकत्रित करना चाहते हैं. सलूजा गोल्ड का अहम भूमिका रहा है. इसके पहले सेवानिवृत्त शिक्षक प्रवीण कुमार सिन्हा ने जल बचाने की विधि के बारे बताया. मौके पर विनय कुमार सिंह, अनिल कुमार सिन्हा विपिन कुमार सिन्हा, आलोक मिश्रा, सुनील मंथन शर्मा, मुन्ना सिन्हा, मुन्ना कुशवाहा, संगीता सिन्हा आदि उपस्थित थे.