सिखों की आन बान और शान है पगड़ी, पहली क्लास में ही उत्साह के साथ जुटे 30 बच्चे
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर में सिख समाज के लिए एक अच्छी खबर है. आज जहां सिख समाज गुरुद्वारों में प्रधानगी के लिए विवाद में फंसा हुआ है और चर्चा का विषय बना हुआ है. इसी बीच एक प्रधान ऐसे निकले हैं जो खुद अपने पद में आने के बाद समाज के बच्चों में गुरमत का ज्ञान बांट रहे हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं नामदाबस्ती गुरुद्वारा के प्रधान जत्थेदार दलजीत सिंह की.
दलजीत सिंह जमशेदपुर में सिख समाज के लिए एक इतिहास साबित हो रहे हैं, जो अन्य प्रधानों के लिए एक तरह का सबक है. इससे समाज के बीच उनकी अलग छवि बन रही है.
चुनाव जीतने के बाद दलजीत सिंह ने जो एजेंडे रखे थे, उसे धरातल पर उतारना शुरु किया है. इस कड़ी में वह खुद क्षेत्र के बच्चों के बीच गुरमत की विद्या का प्रसार कर रहे हैं. हर शनिवार और रविवार को उन्होंने गुरमत की कक्षाएं शुरु की है. इसमें गुरमुखी सिखाने के साथ गुरमत का ज्ञान बांटा जाता है.
इसी तरह रविवार से गुरुद्वारा में पगड़ी बाँधने की क्लास भी शुरु की गई है. एक माह में चलने वाली चार क्लास में बच्चों को पगड़ी बाँधना सिखाया जायेगा. पहले दिन उत्साह के साथ इसमें 30 बच्चों ने हिस्सा लिया. अगले सप्ताह यह आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद प्रधान दलजीत सिंह ने जताई है.
दलजीत सिंह ने फतेह लाइव को बताया कि सिखों की आन बान शान का प्रतीक है उनकी पगड़ी.
इसकी रक्षा के लिए गुरुओं ने बलिदानी दी. लाखों लाख सिंह शहीद हो गए. आज युवा पीढ़ी में इसकी जरूरत है. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि क्षेत्र का हर युवा अपने सर में गुरुओं की बख्शीश पगड़ी सजाये. तब उनकी सेवा सफल होगी.