सेंट्रल सिख स्त्री सत्संग सभा की बैठक में प्रधान रविंदर कौर ने नगर कीर्तन को लेकर जारी की गाइड लाइन, जत्थों को जारी किये गए लॉटरी से नंबर
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह साहेब के प्रकाश दिहाड़े की तैयारी में सिख संस्थाएं जोर शोर से लग गई हैं. इस अवसर पर आगामी 6 जनवरी 2025 को टेल्को गुरुद्वारा से सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अगुवाई में विशाल नगर कीर्तन निकाला जायेगा, जो शाम पांच बजे साकची गुरुद्वारा साहेब में समाप्त होगा.
नगर कीर्तन को लेकर शनिवार को सेंट्रल सिख स्त्री सत्संग सभा की प्रधान बीबी रविंद्र कौर की सरपरस्ती में साकची सीजीपीसी कार्यालय में बैठक आयोजित हुई. इसमें नगर कीर्तन को सुचारु निकालने, उसमें शामिल कोल्हान के विभिन्न 34 गुरुद्वारा के बीबीयों के जत्थे को लेकर विशेष गाइड लाइन जारी की गई. कुछ फुटकल विचार भी किये गए. बीबी रविंद्र कौर ने फतेह लाइव को बताया कि नगर कीर्तन में महिलाओं को चिकन के सूट, पैंट और प्लाज़ो पहनकर आने पर रोक लगाई गई है. यह करना गुरु मर्यादा के खिलाफ है और इसका सख्ती से पालन कराया जायेगा.
इसके साथ ही इस बैठक में पहली बार ऐसा हुआ कि नगर कीर्तन में शामिल होने वाली महिलाओं के जत्थे के लिए सभा के द्वारा लॉटरी के माध्यम से क्रमवार नंबर निकाले गए.
इससे पूर्व यह काम सीजीपीसी करती थी. विभिन्न गुरुद्वारों की स्त्री सत्संग सभा की मांग पर इस बार प्रधान की पहल पर सभा की बैठक में यह कार्य किया गया, जिससे महिलाएं हर्षित हो गई. बीबी रविंद्र कौर ने बताया कि पारदर्शिता के साथ लॉटरी निकाली गई है. इसमें कोई किन्तु परन्तु नहीं रहा. मालूम हो कि पिछले नगर कीर्तन में एक बिना अमृतधारी महिला ने निशान साहेब पकड़ रखा था. इसका कुछ सभाएं अंदर ही अंदर विरोध कर रही थी. साथ ही ईनाम मिलने को लेकर भी पक्षपात का आरोप था, जिसे लेकर प्रधान ने इस बार सख्ती से नियम लागू करने की तैयारी की है.
नगर कीर्तन में इन नियमों का कराया जायेगा पालन
निशान साहिब अमृत धारी महिला ही पकड़ेगी.
सफेद सूट, केसरी ओढ़नी, ड्रेस कोड होगा.
पारदर्शी कपड़े पहन के नहीं आना है.
आभूषण भी पहन के नहीं आना है.
चिकन के सूट पैंट प्लाजो भी नहीं पहनने हैं. यह गुरु मर्यादा के खिलाफ है.
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में प्रधान रविंद्र कौर, चेयरमैन कमलजीत कौर, महासचिव सुखवंत कौर, संयुक्त महासचिव परमजीत कौर, पलविंदर कौर, जतिंदर पाल कौर, बलविंदर कौर, कमलेश कौर आदि गुरुद्वारों की सभायें
उपस्थित रहीं.