- छत्तरपुर विधायक ने भी क्षेत्र में डॉक्टर नहीं रहने का मुद्दा विधानसभा सत्र में उठाया था
फतेह लाइव रिपोर्टर.






स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर समेत स्वास्थ्य कर्मियों की बायोमैट्रिक उपस्थिति नहीं बनाने के मामले की जांच शुरू करायी है. मंत्री बन्ना गुप्ता के आदेश पर पलामू में बायोमैट्रिक की जगह मैनुअल हस्ताक्षर बनाकर वेतन निकासी के मामले की सघन जांच करायी जा रही है. इसमें कई डॉक्टर सरकार के निशाने पर आ गये हैं. इसमें जमशेदपुर आईएमए के पदाधिकारी ओर पलामू में पदस्थापित डॉ मृत्युंजय सिंह भी शामिल हैं. उनके खिलाफ मिली शिकायत पर जांच के आदेश दिये गये हैं, जिसकी जांच चल रही है.
स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव ललित मोहन शुक्ला के निर्देश पर यह जांच पलामू के प्रमंडलीय आयुक्त कर रहे हैं. यहां मिली शिकायत में यह बताया गया है कि डॉ० सिंह अपने पदस्थापन स्थल से अक्सर गायब रहते है और Private Clinic में Practice करते हैं. शिकायत के साथ उपलब्ध करायी गयी साक्ष्य की जांच आयुक्त के दिशा-निर्देश पर टीम कर रही है. इस मामले में बायोमैट्रिक्स उपस्थिति की प्रति की भी जांच करायी जा रही है.
संयुक्त सचिव ललित मोहन शुक्ला ने जांच के बिंदुओं पर इस बात को चिह्नित किया है कि विधानसभा सत्र में छत्तरपुर के विधायक ने विधानसभा में डॉक्टर नहीं रहने की बात लगातार उठायी है. उस आलोक में ही डॉ मृत्युंजय सिंह को वहां पदस्थापित किया गया था. ऐसे में डाॅक्टर के पदस्थापन स्थल पर नहीं रहना स्थानीय विधायक एवं जनता के साथ छल का मामला बताया गया है.
इन बिंदुओं पर चल रही जांच
डॉ० मृत्युंजय के पूरे पदस्थापन अवधि में अनुपस्थिति की जांच करायी जा रही है. यह भी पता लगाया जा रहा है कि यदि डॉक्टर अनुपस्थित रहे तो बिना काम किये वेतन प्राप्त किया गया की नहीं, अगर वेतन की निकासी की गयी तो यह गणना कैसे की गयी और किसके स्तर से वेतन निकाला गया. जमशेदपुर में Private Clinic की जांच के लिए टीम गठित कर छापेमारी करते हुए स्थानीय लोगों से बयान लेने का निर्देश भी संयुक्त सचिव ने जांच में दिया है. यही नहीं बॉयोमैट्रिक से उपस्थिति की स्थिति में लोकेशन की जांच भी करायी जा रही है.
जांच टीम को नहीं मिले डॉ मृत्युंजय
प्रमंडलीय आयुक्त बालकिशुन मुंडा द्वारा गठित दो सदस्यीय टीम बीते दिनों जब अनुमंडलीय अस्पताल छतरपुर जांच के लिए पहुंची थी तो पदस्थापित चिकित्सक डाॅ. मृत्युंजय कुमार सिंह अनुपस्थित मिले थे. टीम में विजय वर्मा व कार्यपालक दंडाधिकारी विक्रम आनंद शामिल थे. टीम ने अस्पताल के बायोमीट्रिक मशीन से हाजिरी का प्रिंट निकालकर उसका मिलान किया. उपस्थिति पंजी में अटेंडेंस की जांच की. टीम ने सिविल सर्जन कार्यालय से भी मामले की जानकारी ली है. संयुक्त सचिव ललित मोहन शुक्ला के आदेश पर टीम ड्यूटी रोस्टर, बायोमीट्रिक उपस्थिति, वेतन भुगतान आदि की जांच कर रही है.
डॉ मृत्युंजय का पक्ष
फतेह लाइव द्वारा प्रकाशित की गयी खबर को लेकर डॉ मृत्यंजय सिंह ने अपना पक्ष अधिवक्ता के माध्यम से रखा है. जिसे प्रकाशित खबर से सामाजिक प्रतिष्ठा के धूमिल होने की बात कही गयी है. फतेह लाइव का इस मामले में कहना है कि मंत्री को मिली शिकायत व चल रही जांच के आधार पर खबर का प्रकाशन सूचना के रूप में किया गया है. अगर इससे किसी की भावना आहत हुई है तो पोर्टल को इसके लिए खेद है.
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