- ठेका मजदूरों के बेरोजगारी और विस्थापन के मुद्दे को लेकर मंत्री को सौंपा ज्ञापन
फतेह लाइव, रिपोर्टर
झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से मिलकर नरवा पहाड़ के ठेका मजदूरों ने अपनी समस्याओं का समाधान करने की अपील की. झारखंड ठेका मजदूर यूनियन के बैनर तले मजदूरों का एक प्रतिनिधिमंडल घोड़ा बड़ा पहुंचकर मंत्री रामदास सोरेन को एक लिखित ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया गया कि नरवा माइंस के तहत 34 ठेका कार्य इकाइयों में लगभग 400 मजदूर कार्यरत हैं. इन मजदूरों की अधिकांश संख्या विस्थापित गांवों जैसे हरतोपा, मुर्गाघुटु, राजदोहा, पाथर चकडी आदि से है. वर्तमान में, आठ ठेका इकाइयों की री-टेंडर प्रक्रिया में विलंब के कारण वे बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं. विगत दो से तीन माह से इन इकाइयों के काम बंद हैं, जिसके चलते 120 मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं.
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बेरोजगारी से जूझ रहे मजदूरों ने दो चरणों में आंदोलन किया
मजदूरों ने अपनी समस्याओं को लेकर आंदोलन शुरू किया. पहले चरण में 4 मार्च 2025 से नरवा-जादूगोड़ा यूरेनियम अयस्क हाइवा धुलाई परिचालन को रोक दिया गया. जब प्रबंधन ने कोई पहल नहीं की, तो मजदूरों ने द्वितीय चरण के आंदोलन में 10 मार्च 2025 से 34 ठेका इकाइयों में काम कर रहे मजदूरों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. इस आंदोलन के बाद, 15 दिनों में धालभूम अनुमंडल के अधिकारियों और माइन प्रबंधक के साथ त्रिपक्षीय वार्ता हुई. वार्ता में माइन प्रबंधक ने चार इकाइयों को खोलने का प्रस्ताव रखा, जिनमें से 84 मजदूरों को रोजगार देने की बात कही गई.
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मजदूरों ने मंत्री से CMD स्तर पर वार्ता की अपील की
हालांकि, मजदूरों ने चिंता व्यक्त की कि तीन शॉर्ट टेंडर के तहत काम करने वाले मजदूर केवल डेढ़ महीने के लिए काम करेंगे, इसके बाद वे फिर बेरोजगारी का सामना करेंगे. साथ ही, बाकी चार इकाइयों का काम कब शुरू होगा, इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला. मजदूरों ने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से अपील की कि वे CMD स्तर पर वार्ता करें ताकि ठेका मजदूरों को पूरे साल काम मिल सके और माइंस में औद्योगिक शांति बनी रहे. इस अवसर पर झारखंड ठेका मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सुधीर सोरेन, उपाध्यक्ष बलिया मुर्मू, महासचिव विद्यासागर दास, कोषाध्यक्ष विशू बास्के, और अन्य सदस्य उपस्थित थे.