फतेह लाइव, रिपोर्टर.






































शिक्षक दिवस के पूर्व रविवार को मानगो डिमना रोड के महेंद्र मैरिज हॉल में बाबा बैधनाथ सेवा संघ की ओर से आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में 500 शिक्षकों को सम्मानित करने का कार्य संघ के संस्थापक सदस्य विकास सिंह ने किया। संघ के द्वारा विगत छः वर्षों से शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता रहा है। कार्यक्रम में डिग्री कॉलेज, इंटर कॉलेज, उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय के साथ-साथ प्राइवेट कोचिंग के संस्थानों शिक्षक और शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता पूर्व प्रधानाध्यापक अशोक सिंह, घाटशिला महिला कॉलेज की प्राचार्या पुष्कर बाला, पटमदा डिग्री कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर शालिग्राम मिश्र, मोतीलाल नेहरू विद्यालय के महासचिव डीपी शुक्ला, जे के एस कॉलेज के संस्थापक ए.पी सिंह, जेमिनी कांत विश्वविद्यालय के डायरेक्टर डॉ सुमित कुमार सेन मुख्य उपस्थित थे।
कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों के द्वारा कुशल शिक्षक रहे देश के द्वितीय राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तस्वीर में पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए संघ के संस्थापक सदस्य विकास सिंह ने कहा भगवान धरती में आते नहीं है लेकिन भगवान के दूसरे रूप में शिक्षक धरती में मौजूद हैं।
एक शिक्षक पूरे समाज और राष्ट्र को अच्छे मार्ग ले जाने का कार्य करते हैं। ज्ञान का दान सबसे बड़ा दान है, जिसे ज्ञानी शिक्षक ही दे सकते हैं। विकास सिंह ने कहा ज्ञान के बिना मनुष्य का जीवन जानवर के समान है। मनुष्य अपने भीतर के विवेक और क्षमता को तभी प्रदर्शित कर सकता है। जब उसे किसी शिक्षक का साथ मिलता है, नहीं तो उसके भीतर का ज्ञान और विवेक सब धरा का धरा रह जाता है।
विकास सिंह ने कहा इतनी संख्या में मौजूद शिक्षकों के बीच खड़ा होना उनके लिए गौरव की बात है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता अशोक सिंह ने कहा शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन समाज को संदेश देने वाला आयोजन है। इस तरह के आयोजन से शिक्षकों और शिक्षिकाओं को सम्मान के रूप में आत्म बल मिलता है और उन्हें समाज में और बेहतर करने की ऊर्जा मिलती है।
कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय एवं मध्य विद्यालय के बच्चों के द्वारा आयोजित संस्कृतिक कार्यक्रम ने उपस्थित सभी लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नशा से हो रहे समाज को नुकसान, एवं समय की बर्बादी का परिणाम का ज्वलंत झांकी उदाहरण के रुप में सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों ने प्रदर्शित कर समाज में संदेश देने का कार्य किया। आए हुए शिक्षकों को विकास सिंह ने अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर तिलक लगाकर एवं चरण स्पर्श कर सम्मानित किया।
इन गुरुजनों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ सुमित कुमार सेन, डॉ डीपी शुक्ला, डॉ अरविंद प्रसाद सिंह, प्रोफेसर पुष्कर बाला, डॉक्टर शालिग्राम मिश्रा, विकास सिंह, छोटेलाल सिंह, सविता गोस्वामी, शंभू शरण सिंह, प्रो. यू पी सिंह, दीपक दत्ता, सुरेश प्रसाद सिंह, डॉ प्रभात कुमार सिंह, अमर सिंह, नवनीत सिंह, सुभाष मिश्रा, संजय सिंह, अनुराग श्रीवास्तव, पंकज कुमार सिंह, पलविंदर सिंह, नीरज कुमार, कृष्ण सिंह, मोहम्मद कलामुद्दीन, डॉ विशंभर यादव, बरखा कुमारी, विकास कुमार सिंह, जयशंकर पंडित, शिखा दुबे, कुसुम तिवारी, दीपक दत्ता, रिजवान कमर, प्रियंका दत्ता, भीम शर्मा, रफत आर फरहत, जहां मोबीन, सलीम कुमार, रीता मिश्रा, शशि भूषण शर्मा, उमा महतो, डॉ तरुण कुमार महतो, उमाशंकर पाठक, दिवाकर पांडे, प्रो. एनपी सिंह, आर के यादव, इकबाल हुसैन, जी एस प्रसाद, सहित सैकड़ो शिक्षक और शिक्षिकाएं उपस्थित हुए।