जमशेदपुर।
तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी केवल सिंह ने सिखों को पंथिक मर्यादा का हवाला देते हुए ताकीद किया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के सजे दरबार में किसी की तस्वीर अथवा जोत ( घी की ज्योति) नहीं होनी चाहिए और श्री गुरुग्रंथ साहिब के सिवा किसी के आगे मत्था टेकने की जरूरत नहीं है. हमें गुरु ग्रंथ साहिब जी के रजा में रहना है और उनके अनुसार जीवन जीने की जरूरत है.
रविवार की सुबह धर्म प्रचार में सीतारामडेरा गुरुद्वारा शहीद बाबा दीप सिंह जी पहुंचे और जब उन्होंने देखा कि गुरु दरबार में तस्वीर लगी है और जोत जल रही है और लोग वहां पैसे चढ़ा कर मत्था टेक रहे हैं. इस पर उन्होंने एतराज किया.
झारखंड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सदा शैलेंद्र सिंह ने अपनी बातों को रखा और कहा कि पंथिक मामले में जो कुछ कहना अथवा फैसला लेना है. वह सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकार में है और प्रधान सरदार भगवान सिंह जी इस पर अपनी राय रख सकते हैं.
बारी प्रधान भगवान सिंह की बोलने की आई तो गुरुओं एवं सिखों की शहादत का और पंथिक मर्यादा का जिक्र करते हुए भावुक हो गए और उनकी आंखों से नीर बहने लगे. उनके अनुसार वे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अनुसार ही जीवन जीते हैं और डगमगाते नहीं हैं.
पंथ ने जो जिम्मेवारी दी है वह पंथिक मर्यादा के प्रचार-प्रसार के साथ ही सिखों को उस पर चलने पर बल देते हैं और इससे आगे हुए नहीं कुछ कह सके, तो मामले को संचालन कर रहे हैं टीनप्लेट कमेटी के प्रधान सरदार सुरजीत सिंह खुशीपुर ने संभाला. उन्होंने जत्थेदार को आश्वस्त किया कि वे इलाके की संगत को विश्वास में लेकर पंथिक मर्यादा को बहाल करने की ईमानदारी से कोशिश करेंगे.
इस मौके पर गुरुद्वारा कमेटी के कार्यवाहक प्रधान बलवीर सिंह, ट्रस्टी गुरदीप सिंह पप्पू, सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव गुरचरण सिंह बिल्ला एवं कई कमेटियों के प्रधान तथा बड़ी संख्या में संगत की हाजिरी रही.