फतेह लाइव, रिपोर्टर.

बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के इलाके की संगत ने सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरकार भगवान सिंह से सवाल किया है कि सरदार सुरजीत सिंह खुशीपुर कौन है? जो रजिस्टर लेकर बारीडीह गुरुद्वारा कमेटी के दफ्तर में बैठा रहता है। जो मतदाता सूची तैयार कर रहे सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रतिनिधियों को वहां बैठ बैठ कर सलाह देता रहता है और नाम जुड़वाने कटवाने का काम करता रहता है।

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संगत ने यह भी सवाल उठाया है कि जो टीनप्लेट गुरुद्वारा कमेटी का प्रधान है। वह किस हैसियत से बारीडीह के दफ्तर में बैठ सकता है। उस पर कुलविंदर सिंह ने सवाल उठाया था तो मारपीट भी हुई। बारीडीह कमेटी में अप्रैल 2022 से अब तक जो कुछ अनहोनी और अवांछनीय घटनाएं होती रही हैं उसके लिए केवल और केवल सुरजीत सिंह ही जिम्मेदार है। बारीडीह में उनका आखिरकार क्या स्वार्थ है? पहले उसने जसपाल सिंह को अध्यक्ष बनाया फिर कुलविंदर सिंह को बनाया कुलविंदर सिंह कठपुतली नहीं बने तो अवतार सिंह सोखी के लिए ड्रामा रच दिया।

यहां फिर सेंट्रल कमेटी पर सवाल उठता है अवतार सिंह सोखी पर कड़ी कार्रवाई सरदार भगवान सिंह की ओर से क्यों नहीं हुई जैसा उन्होंने सरदार कुलदीप सिंह शेरगिल के मामले में की है? यहां संगत के अनुसार प्रधान कुलविंदर सिंह के पूछे बिना एक तरफा कार्रवाई सेंट्रल कमेटी कर रही है।

उससे पूछे बिना पांच सदस्य समिति बना दिया जाना, उससे पूछे बिना कमेटी भंग कर दिया जाना, उससे पूछे बिना मतदान की प्रक्रिया शुरू करने के लिए वोटर लिस्ट तैयार करना? मान लिया सेंट्रल कमेटी निष्पक्ष है तो यह सब दिखना भी चाहिए। बारीडीह की संगत के अनुसार अवतार सिंह सोखी और जसपाल सिंह संगत को जो बताते हैं वही कदम सेंट्रल कमेटी उठाती है?
इससे बारीडीह की संगत में यही संदेश जा रहा है कि सुरजीत सिंह के हाथों का खिलौना सीजीपीसी के प्रधान बन गए हैं। उसकी मनमर्जी से सब कुछ हो रहा है और संगत मूकदर्शक रहने को मजबूर है।

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