फतेह लाइव, रिपोर्टर.
ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के पूर्वी भारत अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर ने भारत सरकार से अपील है कि वह झारखंड राज्य के निर्माता, सामाजिक न्याय के अप्रतिम योद्धा और दिशोम गुरु के नाम से समूचे आदिवासी समाज में पूज्य शिबू सोरेन जी को भारत रत्न देने पर गंभीरता से विचार करे। गुरुजी का जीवन संघर्षशील, प्रेरणादायी और जन-सरोकारों से ओतप्रोत रहा है।
सतनाम सिंह गंभीर ने कहा की शिबू सोरेन न केवल एक राजनेता थे, बल्कि वे आदिवासी चेतना के वाहक, शोषित-वंचित वर्ग के सशक्त प्रवक्ता और सामाजिक क्रांति के प्रतीक थे। उन्होंने नशाखोरी और महाजनी प्रथा के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन खड़ा किया, जिससे झारखंड के दूर-दराज़ गांवों में चेतना फैली। शिक्षा के क्षेत्र में भी गुरुजी ने अनेक पहल की, ताकि आदिवासी समाज ज्ञान के माध्यम से सशक्त हो सके।
सतनाम सिंह गंभीर ने कहा की झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन से लेकर केंद्र और राज्य सरकारों में मंत्री व मुख्यमंत्री रहते हुए गुरुजी ने सदैव सभी समाज के लिए उथान और जनहित को प्राथमिकता दी। उनका जीवन त्याग, संघर्ष और सेवा की मिसाल है। ऐसे महापुरुष को भारत रत्न से सम्मानित करना केवल उनके प्रति श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक और सामाजिक चेतना को भी गौरवान्वित करना होगा। केंद्र सरकार को इस पर अविलंब निर्णय लेना चाहिए।