फतेह लाइव ने पूर्व में भी किया था आगाह, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई, सफेदपोशों को मिलता रहा संरक्षण
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर में पुलिस की लापरवाही से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है. बर्मामाइंस थाना अंतर्गत सिदो कान्हू बस्ती के समीप स्थित टाटा कंपनी के एक पुराने और जर्जर क्वार्टर से ईंट निकालते समय छज्जा गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई. मृतक की पहचान मोहम्मद मुन्ना के रूप में हुई है. घायल महिला की पहचान उसकी पत्नी शाजिया परवीन के रूप में की गई है. मिली जानकारी के अनुसार, मोहम्मद मुन्ना और उसकी पत्नी शाजिया परवीन सहित कुछ अन्य मजदूर – जिनमें आफताब, बबन और लड्डन शामिल हैं. टाटा कंपनी के एक पुराने क्वार्टर से ईंट निकालने का काम कर रहे थे.
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बताया जा रहा है कि ये सभी मजदूर पोपट नामक एक ठेकेदार के निर्देश पर यह कार्य कर रहे थे. इन मजदूरों को प्रतिदिन के हिसाब से 500 रुपये मजदूरी दी जाती थी. रोज की तरह ये सभी मजदूर शनिवार को भी पुराने क्वार्टर से ईंट निकालने में लगे हुए थे. तभी अचानक ऊपर से छज्जा गिर पड़ा. छज्जा गिरते ही उसके नीचे काम कर रहे सभी मजदूर दब गए. इस हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों और अन्य मजदूरों ने आनन- फानन में सभी घायलों को एमजीएम अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मोहम्मद मुन्ना को मृत घोषित कर दिया.
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वहीं, उसकी पत्नी शाजिया का इलाज चल रहा है. हादसे की सूचना मिलते ही बर्मामाइंस थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया. पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है.
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि मजदूरों से खतरनाक हालत में मौजूद भवन से ईंटें निकलवाई जा रही थीं, जिसके लिए कोई सुरक्षा उपाय नहीं किए गए थे. घटना के बाद से पोपट नामक ठेकेदार की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि ठेकेदार मजदूरों से बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के काम करवाता है. अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस कार्य के लिए कंपनी या नगरपालिका की अनुमति ली गई थी या नहीं. हादसे के बाद इलाके में तनावपूर्ण माहौल है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषी ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाए और घायल महिला का समुचित इलाज कराया जाए. साथ ही, जर्जर भवनों को चिन्हित कर उन्हें गिराने या संरक्षित करने की मांग भी उठाई जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके.
कुछ महीने पहले भी बर्मामाइंस मुख्य सड़क पर दो बच्चे इसी अवैध कार्य को लेकर दब गए थे. कुछ दिन पहले भी एक किशोर इसी तरह के हादसे का शिकार हुआ था. फतेह लाइव ने खबर के माध्यम से ऐसी घटना होने की आशंका पर आगाह भी किया था, लेकिन पुलिस ने कोई कदम उठाये नहीं. बाकायदा, पुलिस के संरक्षण में दिन रात यह अवैध कार्य चलता रहा. क्षेत्र के कई सफ़ेदपोश और आपराधिक प्रवृत्ति के लोग पुलिस को सेट कर यह खेल चला रहे हैं, जिसका फतेह लाइव में जिक्र भी किया गया था. अब इस मामले में पुलिस क्या कार्रवाई करती है. यह देखने वाली बात होगी. खैर बता दें कि ये सफेदपोश वही हैं जो दिन रात थाना के इर्द गिर्द भी घूमते नजर आते हैं और पुलिस कर्मियों की आवभगत में लगे रहते हैं.