फतेह लाइव, रिपोर्टर.

भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी जमशेदपुर महानगर की ओर से संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शनिवार को गोलमुरी स्थित खालसा क्लब के सभागार में जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व विधायक एवं भाजपा के झारखंड प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गागराई मुख्यरूप से शामिल हुए। इस दौरान जमशेदपुर के सांसद बिद्युत बरण महतो, पूर्व सांसद आभा महतो समेत अन्य वरीय नेतागण मौजूद रहे। संगोष्ठी में वक्ताओं ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। इससे पहले, उपस्थितजनों ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र के सम्मुख द्वीप प्रज्वलित कर एवं माल्यार्पण कर नमन किया।

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संगोष्ठी में अपने विचारों को रखते हुए पूर्व विधायक बड़कुंवर गागराई ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सम्पूर्ण जीवन देश की एकता और अखंडता के लिए समर्पित रहा। कश्मीर से परमिट राज समाप्त करने और उसे भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने के लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। श्यामा प्रसाद मुखर्जी के संकल्प को मोदी सरकार ने साकार करते हुए जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर वहां पर अमन और शांति का राज कायम किया है।

बड़कुंवर गागराई ने कहा कि डॉ. मुखर्जी आज भी एकीकृत भारत के लिए राष्ट्रवाद की सबसे बुलंद आवाज हैं। 1946 में जब पहली अंतरिम सरकार बनी, तो डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्योग मंत्री बनाये गए। ढाई वर्ष के मंत्रित्वकाल में उन्होंने छोटे-बड़े उद्योगों का जाल बिछा दिया जिसमें उन्होंने चितरंजन लोको फैक्ट्री, सिन्दरी खाद कारखाना, हिन्दुस्तान एयरक्राफ्ट फैक्टरी जैसे विशाल कारखाने को स्थापित कर देश के औद्योगिक विकास के साथ आत्मनिर्भर भारत की भी नींव रखी। श्री गागराई ने कहा कि डॉ मुखर्जी जीवन के अंतिम क्षण तक वे एक−एक पल लोक कल्याण के लिए जीते रहे।

सांसद बिद्युत बरण महतो ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने जीवन का हर क्षण राष्ट्र की एकता, अखंडता और अक्षुण्णता को समर्पित किया। देश में ‘एक विधान, एक निशान और एक प्रधान’ की संकल्पना के लिए अथक संघर्ष किया और राष्ट्र की अखंडता के खातिर अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उनके दिखाए मार्ग पर चलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35A को हटाया और जम्मू-कश्मीर को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद बनी पहली सरकार में उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री के रूप में उन्होंने जो आधारशिला रखी, वह उत्कृष्ट है।

वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मनोज कुमार सिंह ने कहा कि बंगभूमि से पैदा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपनी प्रतिभा से पूरे देश को आश्चर्यचकित कर दिया था। श्यामा प्रसाद मुख्रर्जी ने अपने ज्ञान और विचारों से एवं तात्कालिक परिदृश्य की ज्वलंत परिस्थितियों का इतना सटीक विश्लेषण किया कि सभी वर्ग और बुद्धिजीवियों को उनकी बुद्धि का कायल होना पड़ा। अपनी कुशाग्र बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए मात्र 33 वर्ष की अल्पायु में उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति का पदभार संभालने की जिम्मेदारी उठाई। उनका स्पष्ट मानना था कि राष्ट्रीय एकता के धरातल पर ही सुनहरे भविष्य की नींव रखी जा सकती है।

भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन राष्ट्र एवं समाज को समर्पित एक आदर्श जीवन था। इस दौरान मंच संचालन जिला उपाध्यक्ष संजीव सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन बारीडीह मंडल अध्यक्ष संतोष ठाकुर ने किया। इस अवसर पर पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर मिश्रा, रामबाबू तिवारी, राजकुमार श्रीवास्तव, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मिथिलेश सिंह यादव, कल्याणी शरण, राजन सिंह, डॉ राजीव, मनोज कुमार सिंह, जटाशंकर पांडेय, अनिल सिंह, रीता मिश्रा, सांसद प्रतिनिधि संजीव कुमार, बबुआ सिंह, संजीव सिंह, मंजीत सिंह, नीलू मछुआ, जितेंद्र राय, पप्पू सिंह, कौस्तव राय, मणि मोहंती, हलदर नारायण शाह, ध्रुव मिश्रा, संतोष ठाकुर, अजय सिंह, बबलू गोप, हेमंत सिंह, मंटू चरण दत्ता, राजेश सिंह, प्रशांत पोद्दार, अमरजीत सिंह राजा, अमित अग्रवाल, धर्मेंद्र प्रसाद, बीनानंद सिरका, कमलेश सिंह, अमिताभ सेनापति, विकास शर्मा, कुमार अभिषेक, प्रोबिर चटर्जी राणा, बंटी अग्रवाल, पप्पू उपाध्याय, रंजीत सिंह, सरस्वती साहू, सरबजीत कौर समेत सैकड़ों अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

 

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