- टीईवीएआर (तेवर) प्रक्रिया से गंभीर एओर्टिक एन्यूरिज्म से पीड़ित मरीज को मिली नई जिंदगी
- श्यामली मलाकार ने ब्रह्मानंद नारायणा अस्पताल के डॉक्टरों का किया धन्यवाद
फतेह लाइव, रिपोर्टर
ब्रह्मानंद नारायणा अस्पताल (बीएनएच) ने 56 वर्षीय महिला श्यामली मलाकार की जान बचाने के लिए एक दुर्लभ और जीवन रक्षक धोरेंसिक एंडोवास्कुलर एओर्टिक रिपेयर (टीईवीएआर) प्रक्रिया सफलतापूर्वक की. श्यामली मलाकार को एक बड़े एओर्टिक एन्यूरिज्म से पीड़ा हो रही थी, जो एक गंभीर और संभावित घातक स्थिति है. अस्पताल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अखलाक अहमद ने बताया कि मरीज को खांसी, सांस लेने में कठिनाई और सीने में दर्द की शिकायत थी. उनकी स्थिति गंभीर थी और तत्काल इलाज की आवश्यकता थी.
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ब्रह्मानंद नारायणा अस्पताल में टीईवीएआर प्रक्रिया के तहत सफल इलाज
डॉ. अखलाक अहमद ने कहा कि टीईवीएआर प्रक्रिया ओपन-हार्ट सर्जरी के बिना एओर्टा की मरम्मत करने में सक्षम बनाती है, जिससे मरीज को कम जोखिम और कम रिकवरी समय मिलता है. यह प्रक्रिया मात्र दो घंटे में पूरी होती है, और मरीज को 2-3 दिनों में अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है. इस प्रकार की प्रक्रिया भारत में बहुत कम मेडिकल सेंटर में की जा सकती है, और यह अस्पताल की विशेषज्ञता और उपलब्ध उन्नत चिकित्सा सेवाओं को दर्शाता है.
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टीईवीएआर प्रक्रिया से एओर्टा की मरम्मत में मिली सफलता
इस सफलता पर अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर ए धर्मा राव ने कहा, “ब्रह्मानंद नारायणा अस्पताल में, हम उन्नत चिकित्सा सेवाओं के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. हमारी विशेषज्ञता और आपातकालीन चिकित्सा स्थितियों से निपटने की क्षमता टीईवीएआर जैसी जटिल प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक अंजाम देने में मदद करती है. हमारा लक्ष्य मरीजों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है.” श्यामली मलाकार ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मेरे लिए यह प्रक्रिया बहुत सहज थी, और कुछ ही दिनों में मैं पूरी तरह से ठीक हो गई. मैं इस टीम का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे एक नई जिंदगी दी.”