जमशेदपुर.






































सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी द्वारा आयोजित मेगा स्वास्थ्य जांच सह रक्तदान शिविर में जमशेदपुर के संगत ने खुले मन से अवसर का लाभ उठाया। रविवार सीजीपीसी कार्यालय में आयोजित शिविर में 106 नेत्र जांच, 78 रक्त जांच और 117 लोगों ने रक्तदान किया.
इस अवसर पर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयु राय और कोल्हान के रिटायर्ड पूर्व आयुक्त विजय सिंह ने शिविर में पहुंचकर रक्तदाताओं का मनोबल बढ़ाया.
सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह ने सर्वप्रथम रक्तदान कर रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया. उनके बाद सीजीपीसी के अन्य सदस्यों ने भी रक्तदान किया. मेगा शिविर में उमड़ी भीड़ में 106 लोगों ने अपने नेत्रों की जांच करवायी जबकि 78 लोगों ने रक्त जांच तथा 117 यूनिट रक्त इकठ्ठा किया गया. रक्तदान करने आये लोगों को सम्मानित भी किया गया. रक्तदान शिविर सिख इतिहास ने महान शहीद भाई मनी सिंह की शहादत को समर्पित किया गया.
जरूरतमंद का जीवन बचाने वाला सबसे बड़ा दान है रक्तदान: भगवान सिंह
भगवान सिंह ने अपने कथन में कहा कि किसी भी जरूरतमंद की जान बचाने वाला सबसे बड़ा दान है रक्तदान. उन्होंने कहा कि इस मेगा हेल्थ कैंप से उन्हें काफी मार्गदर्शन मिला है और वे इस तरह के और लोकोपकारी कार्यक्रम आयोजित करने पर विचार कर रहें हैं. कमिटी के चेयरमैन सरदार शैलेन्द्र सिंह का कहना था कि सिख समाज के अलावा अन्य समुदाय के लोगों ने भी रक्तदान में भाग लेकर उत्साह दिखाते हुए जो शिविर को सफल बनाया है. उनका वे तह-ए-दिल से धन्यवाद करते हैं.
शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ निशा चौधरी, डॉ स्तुति केडिया, डॉ मीनल खिरिया सुगन्धि, डॉ सौरव बनर्जी एवं डॉ रोहित कुमार झा प्रमुखरूप से सबके स्वास्थ्य जांच के लिए उपस्थित थे, जबकि रक्त जांच के लिए मौसमी सवाई टीम के साथ मुस्तैद थीं. राघव कुमार के नेतृत्व में एमजीएम अस्पताल की मेडिकल टीम आयी थी. सरदार भगवान सिंह ने सभी डॉक्टरों को सम्मानित तथा स्वास्थ्य जांच और रक्तदान के लिए आये लोगों का स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन किया. भगवान सिंह ने सभी डॉक्टरों को सम्मानित तथा स्वास्थ्य जांच और रक्तदान के लिए आये लोगों का स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन किया.
आखिर किस तनाव में हैं सरदार शैलेन्द्र सिंह? 500 से ऊपर पाया गया उनका शुगर लेवल
सीजीपीसी के चेयरमैन सरदार शैलेन्द्र सिंह उस वक्त तनाव में आ गए जब उनका शुगर लेवल जांच में 500 अंक ऊपर पाया गया जो सामान्य से गंभीर रूप से ऊपर था. उनके शुगर लेवल की गणना को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें रक्त की कुछ और जांच करवाने और आराम करने का परामर्श भी दिया.
यदि खाली पेट शर्करा का स्तर 100 mg/dL (5.6 mmol/L) से कम है तो यह शर्करा का स्तर सामान्य है. 100 से 125 mg/dL (5.6 से 6.9 mmol/L) तक उपवास रक्त शर्करा स्तर को प्रीडायबिटीज माना जाता है. यदि दो अलग-अलग परीक्षणों में यह 126 mg/dL (7 mmol/L) या इससे अधिक है, तो इसको मधुमेह ग्रसित माना जाता है.
इनका रहा सहयोग
मेगा हेल्थ कैंप को सफल बनाने में प्रधान भगवान सिंह के अलावा चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह, संरक्षक गुरदीप सिंह पप्पू, वरीय उपाध्यक्ष चंचल सिंह, महासचिव अमरजीत सिंह-गुरचरण सिंह बिल्ला, सतबीर सिंह सोमु, तरनप्रीत सिंह बनी, अकाली दल के सुखदेव सिंह, रविंदर सिंह, रविंदरपाल सिंह, अमृतपाल सिंह, हरजीत सिंह, भूपेंद्र सिंह, हरजिंदर सिंह, सुखदेव सिंह बिट्टू, मुख्य सलाहकार सुजीत सिंह खुशीपुर, परविंदर सिंह सोहल, कुलविंदर सिंह पन्नू, कोषाध्यक्ष गुरनाम सिंह बेदी, जगजीत सिंह गांधी, रविंदर सिंह, लखविंदर सिंह, सुंदरनगर हरिशरण सिंह, कुलविंदर सिंह, कुलदीप सिंह बुगे, अमरजीत सिंह गांधी, अजब सिंह, महेंद्रपाल सिंह, बलदेव सिंह, अमरीक सिंह, इकबाल सिंह, सरबजीत सिंह ग्रेवाल, हरदीप सिंह दीपी, दमनप्रीत सिंह, अमरिक सिंह, सुखवंत सिंह सुखु, जसवंत सिंह जस्सू, सुरेंद्र सिंह शिंदे, परमजीत सिंह रोशन, रघुवीर सिंह, बलवंत सिंह कुलविंदर सिंह, बलबीर सिंह, जगतार सिंह नागी, सुखविंदर सिंह, गुरपाल सिंह, सेंट्रल स्त्री सत्संग सभा की प्रधान रविंदर कौर, चेयरमैन कमलजीत कौर, सुखजीत कौर, सुखजीत कौर, संरक्षक दलबीर कौर, वरीय उपाध्यक्ष परविंदर कौर, महासचिव सुखवंत कौर, बलविंदर कौर, आशा कौर, जसवीर कौर, परविंदर कौर, स्वर्ण कौर, बलजीत कौर ने उल्लेखनीय भूमिका निभायी.