अपराध जगत में बना चर्चा का विषय, सुधीर दुबे पर ठगी के ये मामले बढ़ा रहे उसकी लोकप्रियता
फतेह लाइव में सोमवार को प्रकाशित वायरल वीडियो के बाद जिला पुलिस ने ऐसा सिखाया सबक की मांगनी पड़ी माफी, पूर्व डीआईजी राजीव रंजन से माफी मांगकर छोड़ा था शहर
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर के अपराध जगत में पिछले दो दिनों से चर्चा का माहौल गर्म है कि आखिरकार अपराधी सुधीर दुबे किसकी विकेट गिराने की बात कर रहा है. सोमवार को सुधीर दुबे का कुछ 12 सेकेंड का वीडियो फतेह लाइव ने वायरल किया था, जिसके बाद अपराध जगत और जमशेदपुर पुलिस महकमा सक्रिय हो उठा.
सुधीर दुबे की उस वायरल वीडियो की बात बाद में करते हैं, लेकिन यह बात पहले आपके जानने के लिए है कि सोमवार के वायरल वीडियो के बाद जिले के सिटी एसपी कुमार शिवाशीष ने अपने नेटवर्क की ऐसी जांच भिड़ाई की, चार पांच सालों से जमशेदपुर से गायब हुए सुधीर दुबे ने सोशल मीडिया पर नया वीडियो छोड़ा और पुलिस प्रशासन से माफी मांगते हुए कहा कि उसका अपराध से कुछ लेना देना नहीं है. वह शहर छोड़ चुका है और उसकी वीडियो को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. मैं प्रशासन का सम्मान करता हूं और बिहार झारखंड के अपराध जगत से दूरी बना लिया हूं. जो भी काम करता हूं वह बाहर करता हूं.
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आपको यह बताना जरुरी है कि गत जुलाई माह में भी टाटानगर रेलवे पार्किंग का टेंडर इन ऑन ने लिया था. इसके मेसर्स एक महिला हैं, जबकि उनके पति राजीव राम ने बहुत तहलका मचाया था. उस वक्त फतेह लाइव ने ऑडियो वायरल किया था, जिसमें सुधीर दुबे का नाम लेते हुए कर्मचारियों को धमाकाया जा रहा था. स्टेशन के लोगों से दबंगई की जा रही थी. फिर एकाएक शहर के एक डीएसपी भी पार्किंग के खेल में फंस गए और जो कुछ राजीव राम के साथ हुआ वह जग जाहिर है. यह रेलवे पार्किंग के इतिहास में पहला मौका था जब जिला पुलिस प्रशासन को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा था.
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अब वही राजीव राम जिन्होंने 7 करोड़ की पार्किंग ली थी. वह घाटे में जा रहे थे, जिसके बाद वह पार्किंग को छह दिन पहले पेटी पर देकर भाग खड़े हुए हैं. जिसे पेटी पर टेंडर दिया गया है, दो महीना पहले भी वह डेढ़ दिन पार्किंग संचालन कर चुका है. लेकिन मामला नहीं पटने पर वह भी हटा दिया गए. अब फिर छह दिन पहले राजीव राम से पेटी में पार्किंग लेना उस व्यक्ति के लिए घाटे का सौदा होगा या मुनाफे का? या फिर राजीव राम के लिए घाटा?
बहरहाल, सुधीर दुबे के बारे अपराध जगत में चर्चा हो रही है कि वह अपराधी नहीं ठग है. सीतारामडेरा नितिनबाग कॉलोनी में कोरोना के दौरान हुई फायरिंग में वह गैंगस्टर अखिलेश सिंह का विरोधी बना. उस कांड में उसके साथ लड्डन, रिंकू शामिल थे. पार्टनर में क्रशर का काम शुरू किया था. वह भी ठगी का शिकार हुए. इसी तरह विधवा से हाईवा गाड़ी के नाम पर ठगी, कदमा के स्क्रैप कारोबारी से 50 लाख की ठगी, जुगसलाई के स्क्रैप कारोबारी से 20 लाख की ठगी आदि मामलों को लेकर चर्चा जोरों पर है. यहां तक कि सुधीर दुबे के लकवाग्रस्त होने की भी चर्चा चल रही है?
सिटी एसपी ने बताया कि बीती रात तक उसके नेटवर्क को धवस्त कर दिया गया है. सुधीर दुबे तक यह खबर पहुंचा दी गई कि तुम और तुम्हारा परिवार कहां है हमें मालूम है. तुम कुछ करोगे तो फिर हम क्या करेंगे बताते हैं. जिला पुलिस के इसी सख्त रवैये के बाद सुधीर दुबे जिला पुलिस के सामने नत्मस्तक हुआ, जिसका उदाहरण यह वीडियो है.


