कक्षा 8 के छात्रों के रक्षासूत्र जबरन हटाने से धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन, कार्रवाई की मांग तेज
फतेह लाइव, रिपोर्टर
कदमा स्थित डीबीएमएस स्कूल में मंगलवार को एक विवाद खड़ा हो गया जब स्कूल की शिक्षिका शगुफ्ता नाज़ ने कक्षा 8-डी के छात्र आदित्य ओझा और अन्य बच्चों के हाथ से रक्षासूत्र तोड़ दिए और कूड़ेदान में फेंक दिए. आरोप है कि शिक्षिका ने रक्षासूत्र को धर्म का प्रतीक मानते हुए उसे हटाने की चेतावनी दी. इस घटना के बाद छात्रों के अभिभावक ने विद्यालय प्रबंधन को पत्र भेजकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. अभिभावक पवन ओझा ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन और धर्म आधारित लक्षित हिंसा की पुनरावृत्ति करार दिया है. इस पूरे मामले को लेकर “शिक्षा सत्याग्रह” के संस्थापक अंकित आनंद ने जिला उपायुक्त और जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र सौंपते हुए कार्रवाई की अपील की है.
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इस मामले में AJSU पार्टी के जिला प्रवक्ता अप्पू तिवारी ने भी जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखकर घटना की निंदा की है और शिक्षिका पर कार्रवाई की मांग की है. उनका कहना है कि यह घटना सिर्फ एक छात्र की नहीं, बल्कि कई बच्चों के साथ हुई है और स्कूलों में इस प्रकार की हिंदू विरोधी मानसिकता भविष्य में पूरी पीढ़ी को प्रभावित कर सकती है. उन्होंने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की अपील की है. इसके बाद जिला उपायुक्त के निर्देश पर वरीय पुलिस अधीक्षक ने कदमा थाना प्रभारी को जांच के निर्देश दिए हैं.
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मामले को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने भी अपनी चिंता व्यक्त की है. सनातन उत्सव समिति के नेता चिंटू सिंह ने इसे निंदनीय बताया और कहा कि बुधवार को पीड़ित छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ कदमा थाना प्रभारी और जिला शिक्षा विभाग से मिलकर शिकायत दर्ज कराई जाएगी. इसके साथ ही आरोपित शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रिंसिपल से भी मुलाकात की जाएगी. इस पूरे मामले ने धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है.