फतेह लाइव, रिपोर्टर

झारखंड राज्य में वर्ष 2011 में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के लागू होने के बाद जमशेदपुर शहर के निजी स्कूलों में प्रवेश कक्षा की आरक्षित सीटों पर अभिवंचीत एवं कमजोर वर्ग के बच्चों का नामांकन शुरू हुआ था और वह प्रक्रिया अब भी जारी है। इन नामांकन प्राप्त बच्चों को अधिनियम के प्रावधान के अनुरूप क्लास 8 तक नि: शुल्क शिक्षा पाने का अधिकार है और उस समय नामांकन प्राप्त बच्चे जो अब क्लास 8वीं पास कर 9वीं क्लास में आ गए हैं। उन बच्चों से मोती लाल नेहरू पब्लिक स्कूल के साथ ही शहर के अन्य निजी स्कूलों द्वारा सामान्य वर्ग के बच्चों की तरह फीस की मांग कर रहे हैं।

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परिस्थिती ऐसी बन गई है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के ये बच्चें पैसे के आभाव में फीस देने में अपने को असमर्थ
पा रहे है ऐसे में स्कूल प्रबंधन द्वारा इन बच्चों से बार-बार पूरे क्लास के बच्चों के सामने फीस कि मांग कर इन बच्चों कि मानसिकता पर बुरा प्रभाव डाल रहा है। इनमें से कुछ बच्चे तो अब स्कूल जाने से कतराना शुरू कर दिया है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 में पूरे देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू कर दिया है और इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कंडिका 8-8 (छाया प्रति संलग्न है) में प्रावधान दिए गए हैं कि अभिवचीत एंव कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा 12 वीं तक निःशुल्क शिक्षा पाने का अधिकार है।

जमशेदपुर अभिभावक संघ मांग करता है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधान के तहत मोती नेहरू पब्लिक स्कूल, साकची के साथ ही शहर के अन्य सभी निजी स्कूलों में अध्ययनरत अभिवंचीत एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को क्लास 12 वीं तक नि: शुल्क शिक्षा देने कि आदेश देने की कृपा करें। शुक्रवार को संघ ने इस बाबत डीसी को ज्ञापन दिया है।

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