फतेह लाइव, रिपोर्टर.

 

रविवार की शाम चैती छठ महापर्व के अवसर पर अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया गया. सुवर्णरेखा छठ घाट पर व्रतियों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी थी. जहां व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया. उधर दोमुहानी और खरकाई नदी समेत अन्य जलाशयों में छठव्रतियों ने अर्ध्य दिया. बता दें कि आस्था का यह महापर्व साल में दो बार मनाया जाता है.  छठ को लेकर नदी घाटों में श्रद्धालुओं की खासे भीड़ देखने को मिली. व्रत धारीयो के अनुसार चैती छठ कार्तिक छठ से ज्यादा कठिन होता है. कारण यह है कि कार्तिक छठ के समय मौसम ठंडा रहता है जबकि चैती छठ में गर्मी ज्यादा रहती है. ऐसे में तीन दिनों तक निर्जला व्रत रखने वालों के लिए यह तपस्या से कम नहीं होती है.

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छठ घाट पर उमड़ी  व्रतियों एवं श्रद्धालुओं की भीड़

बावजूद छठी मईया की कृपा रहती है कि तीन दिन व्रत धारी को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. बहरहाल संध्या अर्घ्य को लेकर शहर के विभिन्न नदी घाटों सहीत मानगो के स्वर्णरेखा नदी घाट पर व्रत धारियों के साथ श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिली. दोपहर बाद से ही व्रत धारियों का रुख नदी घाटों की ओर होने लगा. इस दौरान कुछ व्रत धारी दंडवत करते हुए घाट तक पहुंचे, जहां डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर पति और बच्चों की खुशहाली की कामना की. इस अवसर पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा को लेकर पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया था तकि बिना व्यवधान के पूजा संपन्न हो सके. सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चैती छठ संपन्न होगा.

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