यूनिफॉर्म ग्रेड स्ट्रक्चर के मसले पर नितेश राज से कमेटी मैम्बरों ने शुरू की थी बकझक






































हालात ऐसे बन गए कि खुद को बचाने के लिए नितेश राज को पीछे हटना पड़ा
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
टाटा स्टील प्लांट का बर्मामाइंस गेट. रविवार को वहां रोज की तरह गर्मा गर्म लिट्टी खाने की तैयारी में था. दोपहर के सवा दो का टाइम रहा होगा. वहां चार पांच लोग खड़े थे. उनकी बातचीत से साफ हुआ कि टाटा स्टील के सीआरएम विभाग के कर्मचारी हैं। चाय के इंतजार में खड़े होकर बातें कर रहे थे कि टाटा वर्कर्स यूनियन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. विश्वकर्मा पूजा के दिन जो कंपनी के भीतर हुआ, उससे यही प्रतीत होता है. तब तक चाय आ जाती है और फिर भी उनकी बातें जारी रहती हैं. बोल रहे थे कि अगर कमेटी मैम्बर सूरज कुमार के हाथों यूनियन पदाधिकारी नितेश राज की हाथापाई हो जाती तो बहुत शर्मनाक होता। एक कर्मचारी बोला कि यही काम कोई कर्मचारी किया होता तो कोड ऑफ कंडक्ट के तहत सस्पेंड हो चुका होता।
टाटा स्टील के वीपी चैतन्य भानू व सीआरएम चीफ अजय कु. झा का निर्देश, सीसीटीवी देखें
दरअसल, उनके बीच विश्वकर्मा पूजा के विसर्जन के दिन सीआरएम प्लांट में हुए बवाल पर चर्चा चल रही थी। वे बवाल के प्रत्यक्षदर्शी थे। उनकी चर्चाओं को मानें तो टाटा स्टील के सीआरएम (कोल्ड रोलिंग मिल) में पिछले दिनों विश्वकर्मा बाबा के साथ अनुशासन का भी विसर्जन हो गया। टाटा वर्कर्स यूनियन के ऑफिस बेयरर नितेश राज पर उनके प्लांट में सरेआम कमेटी मैम्बर सूरज कुमार ने हमला करने का प्रयास किया। कमेटी मैम्बर दिनेश्वर प्रसाद के साथ भी नितेश राज की खूब बाताबाती हुई। कमेटी मैम्बर गुलाब यादव भी यूनिफॉर्म ग्रेड पर हुई बहस में शामिल रहे। नितेश राज को आखिरकार खुद को बचाने के लिए पीछे हटना पड़ा।
इस मामले में टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (ऑपरेशन) चैतन्य भानू और सीआरएम चीफ अजय कुमार झा ने आंतरिक जांच शुरू करा दी है। जहां यह घटना हुई है, वहां सीसीटीवी है। शीर्ष प्रबंधन के निर्देश पर सीसीटीवी देखा जा चुका है। प्रबंधन को बहुत कुछ दिख चुका है और जो कुछ पता करना है, उस पर छानबीन हो रही है। मजेदार बात यह है कि पदाधिकारी के साथ बदसलूकी किये जाने के बावजूद टाटा वर्कर्स यूनियन का शीर्ष नेतृत्व अब तक मौन है। इस मामले में फतेह लाइव ने नितेश राज से बात की तो उन्होंने बात घुमाते हुए कुछ भी बोलने से मना कर दिया।
कमेटी मैम्बर सूरज को लोग पकड़ नहीं लेते तो सीआरएम में और शर्मनाक घटना होती
बर्मामाइंस गेट पर चाय की चुस्कियों के साथ कर्मचारियों की आपसी बातचीत का निष्कर्ष था कि विश्वकर्मा बाबा के विसर्जन के दौरान यूनिफॉर्म ग्रेड स्ट्रक्चर के मसले पर कुछ कमेटी मैम्बरों ने टाटा वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष नितेश राज से सवाल जवाब शुरू किया। इसकी शुरुआत कमेटी मेंबर सरोज पांडे ने की। बात इस कदर बिगड़ी की दलाली जैसे शब्द जुबान पर आ गए। कुछ ऐसी बात भी हुई जिसका यहाँ जिक्र नहीं किया जा सकता। खैर, इस पर नितेश गरम हो गए। तर्क दिया कि ऐसे समझौता में उन लोगों की भूमिका नहीं होती। यूनिफॉर्म ग्रेड स्ट्रक्चर पर विस्तार से जानकारी चाहिए तो यूनियन अध्यक्ष संजीव चौधरी समेत टॉप थ्री में शामिल डिप्टी प्रेसिडेंट और महामंत्री से बात कीजिये।
पदाधिकारी पर हमले के प्रयास के बाद भी टाटा वर्कर्स यूनियन का शीर्ष नेतृत्व अब तक मौन
नितेश राज ने इशारा भी किया कि उन लोगों के यूनियन के शीर्ष नेतृत्व के साथ बेहतर रिश्ते भी है। बात कर खुद भी हकीकत जान सकते हैं। मगर विवाद नहीं थमा, तो नितेश राज ने कमेटी मैम्बर दिनेश्वर प्रसाद को तेज झाड़ पिलाई, कहा जा रहा है कि आपा खोकर नितेश ने कुर्सी भी उठा ली थी। नितेश के इस रुख पर कमेटी मैम्बर सूरज कुमार भड़क गए। उन्होंने आपा खो दिया। मौके की नजाकत को भांपते हुए खुद को बचाने के लिए नितेश राज को पीछे हटना पड़ा। उस दौरान कुछ कमेटी मैम्बर और कर्मचारियों ने हमलावर रुख में दिख रहे सूरज कुमार को पकड़ लिया।
सीआरएम प्रबंधन लगातार चुनौती से हो रहा दो-चार
सीआरएम प्रबंधन के लिए बीता कुछ अरसा बहुत बेहतर नहीं रहा है। प्रबंधन लगातार नई चुनौती से दो चार हो रहा है। प्लांट के भीतर दुर्घटना में मौत हो चुकी है। वीपी (ऑपरेशन) चैतन्य भानू की बैठक के दौरान कमेटी मैम्बर बाहर निकल गए थे। इसलिए भी सीआरएम प्रबंधन इस मसले पर संजीदा है।
सूरज, दिनेश्वर और गुलाब डिप्टी प्रेसिडेंट के करीबी
सीआरएम में हुए बवाल के दौरान जेडीसी चेयरमैन अश्विनी माथन को छोड़ वहाँ के सभी कमेटी मैम्बर मौजूद थे। सूरज कुमार, दिनेश्वर प्रसाद और गुलाब यादव को टाटा वर्कर्स यूनियन के डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश कुमार का करीबी माना जाता है। सूरज कुमार यूनियन अध्यक्ष टुन्नू चौधरी के स्वजातीय भी हैं। टाटा वर्कर्स यूनियन में किस कदर जातिवाद है, यह सर्वविदित है। कमेटी मैम्बर सरोज पांडेय और अनिल मिश्रा बवाल में सीधे नहीं कूदे। अलबत्ता, विवाद बढ़ने पर शांत करने का प्रयास किया। दोनों टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय के भरोसेमंद माने जाते हैं। एक और कमेटी मैम्बर एस बेहरा तटस्थ छवि वाले है। सारा तमाशा देख वे भौंचक रह गए।