फतेह लाइव, रिपोर्टर.
कोरोना के समय से जुगसलाई टाटा पिगमेंट गेट के पास रेलवे की जमीन पर 3 वर्षों तक जुगसलाई नगर परिषद ने पटाखे का अस्थाई दुकान लगवाया. 2023 से नगर परिषद के पीछे हट जाने पर बिचौलियों की एंट्री हुई. एंट्री ऐसी की 3 दिन के दिवाली में टेंट लगवाने के नाम पर लाखों लाख की अवैध वसूली होने लगी.
प्रत्येक दुकान से 30 से 35 हज़ार की अवैध वसूली. 2025 में रेलवे ने साफ तौर पर अपनी ज़मीन पर अस्थाई तौर पर दुकान ना लगे. इसे लेकर कड़ा रुख अपना लिया था. वही दूसरी तरफ बिचौलिए के इस मोटी कमाई में दूसरे टीम की एंट्री हुई. राजनीतिक दबाव के चलते पहले टीम ने अपना पैर पीछे कर लिया. दूसरी टीम ने रेलवे की ज़मीन को सरकता देख सीधे जुगसलाई नगर परिषद पार्क के तरफ अपना ध्यान केंद्रित किया और दो माह पहले ही वाट्सएप ग्रुप बनाकर प्रत्येक दुकान से 5000 की राशि मैनेज के नाम पर वसूली गई. भविष्य में बड़ी रकम का भुगतान प्रत्येक दुकानदारों द्वारा किया जाएगा. यह तय हुआ.
यह सारा खेल जब जिले के वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी के संज्ञान में गया, तो साफ आदेश पारित किया गया. अस्थाई तौर पर जो भी लाइसेंस निर्गत होगा. वह जुगसलाई स्थित पटेल स्कूल में होगा. दुकानदार किसी बिचौलियों को कोई पैसा नहीं देंगे और अपने तरीके से दुकान लगाएंगे.
आदेश की बिचौलियों ने उड़ानी शुरू की धज्जियां
बिचौलियों ने दुकानदारों को सचेत कर दिया कि प्रत्येक दुकान से 50,000 की राशि नहीं बल्कि पिछले वर्ष की जो राशि है 30 से 32000 तक ली जाएगी. आनन फानन में यह तय हुआ. साथ ही दुकानदारों को बताया गया कि आदेश निकलता रहता है. आदेश से घबराना नहीं है. टेंट जुगसलाई नगर परिषद स्थित पार्क में ही लगेगा और मीडिया मैनेज है प्रशासनिक पदाधिकारी कुछ भी नहीं कर सकते हैं.
आदेश धरा का धरा रह जाएगा, और फिर शुरू हुआ टेंट बनाने का खेल? कार्य युद्ध स्तर पर जुगसलाई नगर परिषद पार्क में चल रहा है. नंदी टेंट व इव्वेन्ट की गाड़ी आप पार्क के बाहर देख सकते हैं. इतना ही नही टेंट लगाते मज़दूरों को भी देख सकते हैं.
क्या अब कोई कहीं भी बेच सकेगा पटाखा, क्या जिला प्रशासन का लाइसेंस नाम मात्र है? बड़ा सवाल!
धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाना साफ तौर पर यह साबित कर रहा है कि इन बिचौलियों को अब जिले के उपायुक्त या एसडीओ किसी का भय नहीं है. यानी यह टेंट लगवाकर बिचौलिए एक इतिहास रचने की तैयारी में ह. यह दृश्य देखकर अब कोई भी प्रशासन के आदेश की धज्जियां आसानी से उड़ा सकेंगे, क्योंकि यह रास्ता अब जुगसलाई में बन रहा है. अब इस कार्य के पीछे राजनीति की बड़ी बु आ रही है.
देखना है कि अब प्रशासन इन बिचौलियों के आगे नतमस्तक होकर हास्य का पत्र बनेगा या फिर इन बिचौलियों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा. खैर जिला प्रशासन को यह भी बताना गलत नहीं होगा कि इस अंधेर नगरी में चौपट राजाओं ने पार्क की मेन बत्ती भी बुझा दी है.


