प्रदेश उपाध्यक्ष बालमुकुंद सहाय ने दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रभक्ति, विचारधारा और बलिदान की मिसाल थे डॉ. मुखर्जी
फतेह लाइव, रिपोर्टर
भारतीय जनसंघ के संस्थापक एवं प्रखर राष्ट्रवादी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 124वीं जयंती के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी जमशेदपुर महानगर की ओर से साकची स्थित जैन भवन में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में झारखंड भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष बालमुकुंद सहाय, प्रदेश मंत्री सुनीता सिंह, सांसद विद्युत वरण महतो, विधायक पूर्णिमा साहू सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. संगोष्ठी में वक्ताओं ने डॉ. मुखर्जी के व्यक्तित्व, उनके कृतित्व और राष्ट्र के प्रति उनके अदम्य समर्पण पर प्रकाश डाला. मुखर्जी के चित्र के सामने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. बालमुकुंद सहाय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. मुखर्जी का जीवन राष्ट्रभक्ति, विचारधारा और बलिदान का प्रतिमान है. उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने कश्मीर से परमिट प्रणाली खत्म कर वहां भारत के अखंड अंग बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. उन्होंने संसद में धारा 370 के उन्मूलन के लिए पुरजोर वकालत की.
बालमुकुंद सहाय ने आगे कहा कि अगस्त 1952 में जम्मू-कश्मीर की जनसभा में डॉ. मुखर्जी ने संकल्प लिया था कि या तो वे भारतीय संविधान दिलाकर रहेंगे, या इसके लिए अपना बलिदान देंगे. इसी उद्देश्य से 1953 में बिना परमिट जम्मू-कश्मीर गए और गिरफ्तारी के बाद रहस्यमय परिस्थितियों में जेल में निधन हो गया. उनकी बलिदानपूर्ण मृत्यु ने पूरे देश को झकझोर दिया. इसके बाद जम्मू-कश्मीर से परमिट सिस्टम समाप्त कर दिया गया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनुच्छेद 370 हटाने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह डॉ. मुखर्जी के संकल्प की पूर्णता है. डॉ. मुखर्जी आज भी एकीकृत भारत के लिए राष्ट्रवाद की सबसे बुलंद आवाज हैं.
संगोष्ठी में सांसद विद्युत वरण महतो ने डॉ. मुखर्जी के औद्योगिक विकास में योगदान को सराहा. उन्होंने बताया कि डॉ. मुखर्जी ने 1946 में उद्योग मंत्री के रूप में कई बड़े कारखाने जैसे चितरंजन लोको फैक्ट्री, सिन्दरी खाद कारखाना और हिन्दुस्तान एयरक्राफ्ट फैक्ट्री की स्थापना कर आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी. महतो ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने अपने अंतिम समय तक लोक कल्याण के लिए काम किया. उन्होंने गर्व जताया कि वे संसद में अनुच्छेद 370 और 35A हटाने की प्रक्रिया के दौरान मौजूद थे और इसे देश के लोकतंत्र के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया.
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक पूर्णिमा साहू ने डॉ. मुखर्जी को बंगभूमि का गौरव बताया. उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने ‘एक विधान, एक निशान और एक प्रधान’ के लिए संघर्ष किया और इसके लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके दिखाए मार्ग पर चलकर जम्मू-कश्मीर को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा. प्रदेश मंत्री सुनीता सिंह ने डॉ. मुखर्जी की बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता की प्रशंसा करते हुए कहा कि मात्र 33 वर्ष की आयु में उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति का पद संभाला था.
भाजपा झारखंड प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले ने डॉ. मुखर्जी के जीवन को आदर्श जीवन बताया, जो राष्ट्रीय एकता के लिए समर्पित था. उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी का मानना था कि राष्ट्रीय एकता पर ही भारत का सुनहरा भविष्य संभव है. संगोष्ठी की अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष बबुआ सिंह ने की, मंच संचालन जिला महामंत्री संजीव सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन जिला महामंत्री अनिल मोदी ने किया. कार्यक्रम में पूर्व जिलाध्यक्ष राजकुमार श्रीवास्तव, गुंजन यादव, मिथिलेश सिंह यादव, मनोज सिंह समेत अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे.