जमशेदपुर पूर्वी में विजयश्री के लिए अमर से हो सकती है प्रीत
रघुवर से इतर दमदार चेहरे की तलाश में काले पर गई भगवा नजर
चरणजीत सिंह.






































जमशेदपुर वासियों के हर दिल अजीज अमरप्रीत सिंह काले। कभी भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता भी रहे। अब वे फिर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की नजर में है. इस विधानसभा चुनाव में भी वे जमशेदपुर पूर्वी से टिकट के दमदार दावेदार हैं. जमशेदपुर पूर्वी भाजपा की परंपरागत सीट रही है। ऐसी मान्यता रही है कि भाजपा अदना कार्यकर्ता को टिकट देगी तो वह जीत जायेगा। पिछले विधानसभा चुनाव में यहाँ से भाजपा हार गई, इसलिए जमशेदपुर पूर्वी के मसले पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कहीं अधिक चौकस है।
जमशेदपुर पूर्वी के लिए भाजपा नेतृत्व को अदद चेहरे की तलाश है। टिकट के लिए रघुवर दास को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता। उनकी बहू पूर्णिमा का नाम भी उछल रहा है। उनके भगिना दिनेश कुमार भी खुद को प्रत्याशी के योग्य मान रहे हैं। मगर परिवारवाद का सियासी भूत भी उनका पीछा कर रहा है, करता रहेगा। रघुवर खेमा से राम बाबू तिवारी, पवन अग्रवाल, सतवीर सिंह सुमो, कुलवंत सिंह बंटी, गुंजन यादव, भूपेंद्र सिंह समेत कई नेता खुद को दावेदार मानते हैं। शिव शंकर सिंह भी ताल ठोक रहे हैं। एक को मौका दिया जाय तो नई किचकिच शुरू होने का खतरा भी है। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि अमरप्रीत सिंह काले के लिए कमल खिल सकता है।
भाजपा को हर हाल में झारखंड जीतना है और जमशेदपुर पूर्वी सीट भी। पिछली बार अपनी परंपरागत सीट हारने पर भाजपा की बड़ी फजीहत हो चुकी है। इसलिए यहाँ भाजपा नेतृत्व हर विकल्प को खोलने और खोजने की ओर देख रहा है। काले पुराने भाजपाई रहे हैं। पूर्ण मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के बेहद करीबी है। भाजपा के और भी शीर्ष नेताओं से उनके व्यक्तिगत ताल्लुकात हैं। यह बात भी काले के पक्ष में जा रही है।
झारखंड भाजपा के सह प्रभारी सह असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा कुछ दिन पहले कह चुके हैं कि पुराने नेताओं की वापसी होगी। काले भी उन नेताओं में शुमार है जो निष्कासित होने के बाद दूसरे राजनीतिक दल की ओर नहीं देखे है। भाजपा में नहीं होते हुए भी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से जुड़े रहे हैं। ये भी ऐसी वजह है जो उन्हें जमशेदपुर पूर्वी में भाजपा टिकट का प्रबल दावेदार बना रही है। असल में क्या होगा, यह जानने के लिए तनिक इंतजार कीजिये।