चहारदीवारी के लिए गाड़े गए छड़ की तुड़ी गांव में की थी चोरी
चोरों ने बहनोई के घर में रखा था रॉड, उप मुखिया ने धर लिया गोरखधंधा
Charanjeet Singh.
दो दिन पहले की बात है। शाम में पोटका थाना में तुड़ी गांव से पकड़ाए दो चोरों को डंडा दिखाया गया तो रहम के लिए वो लोग शोर मचाने लगे कि अब दोबारा गलती नहीं होगी। चोरी की बात छोड़िए, हम लोग गांव ही छोड़ देंगे। अगर इलाके में कोई चोर घूमता पाया गया अथवा किसी ने चोरी की तो उसे भी धरवा देंगे। सिर्फ एक बार माफ कर दीजिए। नए थानेदार समीर तिर्की ने उनके पारिवारिक हालात की जानकारी ली। मालूम हुआ कि बेहद गरीबी में परिवार का भरण पोषण होता है। चोरों को महुआ शराब और जुआ की बुरी लत है। इसलिए जब तब छोटे मोटे हाथ पांव मारते रहते हैं। इस बार तनिक लंबा हाथ मारा तो पकड़ा गए। आखिरकार पुलिसिया इलाज के बाद बॉन्ड भरवा कर उन्हें छोड़ा गया। तत्काल बाद पोटका थानेदार ने पुराने चोरों का रिकार्ड खोजना शुरू कर दिया। कई मुखबिरों को भी जवाबदेही दी गई कि पुराने चोर कोई नई हरकत करते दिखते हैं तो फौरन इत्तिला करें। इससे इतर आर्म्स एक्ट के आरोपियों, सामाजिक माहौल खराब करने वाले और बेवजह जमीन विवाद करने वालों को भी चिन्हित किया जा रहा है।
पोटका के पुराने चोरों का रिकार्ड तैयार कर रहे नए थानेदार समीर तिर्की
दरअसल, तुड़ी में मुख्य मार्ग के किनारे रमाकांत सिंह की जमीन है। पिछले हिस्से में चहारदीवारी का कुछ काम बाकी है। खंभे बनाने के लिए जमीन में छड़ गाड़े हुए थे। छड़ की ढलाई नहीं हुई थी। उनके यहां बोड़ो नायक लंबे समय तक कार्यरत रहा। बोडो का स्वास्थ्य बिगड़ गया तो साफ सफाई के काम में उसकी पत्नी आने लगी। बीते चार मार्च को आधी रात में बोडो के बेटा सुजय नायक और राज मोहन नायक ने मिल कर छड़ काट लिया। रॉड को बोडो के दामाद जीतू नायक के घर में छिपा दिया। रमाकांत सिंह के यहां सहदेव नायक बतौर केयरटेकर कार्यरत है। वो तेतला पंचायत के उप मुखिया भी है। उन्हें राज मोहन और सुजय पर शक था। अगले दिन महुआ शराब पीते वक्त उन्होंने राज मोहन को धरा। छड़ चोरी के बारे में पूछताछ की। पिटाई भी की। राज मोहन भाग निकला। सहदेव ने पोटका थाना में भी मौखिक शिकायत की। अगले दिन सहदेव ने राज मोहन को फिर पकड़ा तो उसने सच उगल लिया। जीतू नायक के आंगन में सारा छड़ मिल गया। राज मोहन ने तुरंत छड़ को रमाकांत सिंह के यहां रखवा दिया। इसी बीच पोटका पुलिस आ गई। सुजय और राज मोहन को थाना ले गई। उन दोनों से पूछताछ हुई तो पुलिस को कई सारी बातें पता चली। दोनो को जेल भेजने की तैयारी थी। थानेदार समीर तिर्की को यह जरूर अंदाजा लग गया कि दोनों जेल गए तो बेल कराने में उनका परिवार बर्बाद हो जाएगा। पलामू के कठिन इलाके में थानेदारी कर चुके समीर तिर्की ने सभी पक्ष से बात की। तुड़ी और आसपास होने वाले दो नंबर के धंधों की भी जानकारी ली। सुजय और राज मोहन ने गलती स्वीकारी। खूब माफी मांगी। बॉन्ड भरा कर छोड़ा गया।