- नगर विकास मंत्री ने विधानसभा में दी जानकारी, विभागीय सचिव की अध्यक्षता में बनेगी सलाहकार समिति
- ठोस कचरा प्रबंधन अधिनियम-2016 के प्रावधान राज्य में लागू होंगे
- विभागीय सचिव की अध्यक्षता में सलाहकार समिति का भी होगा गठन
- हर तीन माह के अंतराल पर सलाहकार समिति की होगी बैठक
फतेह लाइव, रिपोर्टर
झारखंड सरकार ने राज्य में ठोस कचरा प्रबंधन अधिनियम-2016 के प्रावधानों को लागू करने का निर्णय लिया है. इसके लिए आवश्यक कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने विभागीय सचिव की अध्यक्षता में एक सलाहकार समिति गठित करने का ऐलान किया है. इस समिति का मुख्य उद्देश्य राज्य के सभी नगरपालिकाओं में ठोस कचरा प्रबंधन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करना है. इसके अलावा समिति की बैठक हर तीन माह के अंतराल पर आयोजित की जाएगी ताकि प्रगति का आकलन किया जा सके. यह जानकारी नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार ने विधानसभा में जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय के सवाल के जवाब में दी. मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि राज्य के किसी भी नगर निकाय में ठोस कचरा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार काम नहीं हो रहा है, लेकिन राज्य सरकार इसे शीघ्र लागू करेगी.
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राज्य के विभिन्न नगर निकायों में ठोस कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया जारी
मंत्री ने आगे बताया कि राज्य के 10 नगर निकायों में ठोस कचरा अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि 23 अन्य नगर निकायों में इसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया चल रही है. 7 नगर निकायों में कार्यादेश जारी किए गए हैं, और एक नगर निकाय में निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इसके अलावा 8 अन्य नगर निकायों में विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) तैयार किया जा रहा है. मंत्री ने यह भी बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत झारखंड राज्य के देवघर, गिरिडीह, रांची और अन्य नगर निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना कार्यान्वित की जा चुकी है, और वहां पर कचरे का पृथक्करण तथा पुनर्चक्रण किया जा रहा है.
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सरयू राय ने कचरा प्रबंधन पर सरकार की योजना को किया आलोचित
वहीं, विधायक सरयू राय ने इस मुद्दे पर अपनी आपत्ति जताते हुए कहा कि केवल कचरा प्रबंधन प्लांट लगाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि घर-घर से कचरा इकट्ठा करने, उसे अलग-अलग करने और पुनर्चक्रण की प्रक्रिया पर भी जोर देना होगा. उन्होंने कहा कि ठोस कचरे में जैविक, गैर-जैविक, इलेक्ट्रॉनिक कचरा और बैटरियों जैसे कचरे को अलग-अलग किया जाना चाहिए. राय ने यह भी कहा कि नगर निगमों को अपने क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन के लिए जमीन उपलब्ध करानी चाहिए और कचरा से ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए संबंधित उद्योगों से संपर्क करना चाहिए. इसके अलावा, राय ने राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निकायों के बीच कचरा प्रबंधन के कर्तव्यों को स्पष्ट किया जाए. उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार के पास 1,114 करोड़ रुपये की विशेष निधि है, जिसे कचरा प्रबंधन के कार्य में उपयोग किया जा सकता है.