फतेह लाइव, रिपोर्टर।
बारीडीह गुरद्वारा की संगत ने एकजुट होकर बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए कमेटी का तख्ता पलट दिया है। इस घटनाक्रम के बाद भूचाल आ गया है। संगत ने प्रधान कुलविंदर सिंह पर मनमानी का आरोप लगाया है। ताजा घटनाक्रम के तहत अवतार सिंह सोखी को नया प्रधान चुनते हुए उन्हे माला पहना दी गई। इसी के साथ ही नौजवान सभा की कमान भी जगजीत सिंह जग्गी को देते हुए अगले तीन साल के लिए प्रधान घोषित कर दिया गया है। जसवंत सिंह ने बताया कि प्रधान कुलविंदर को एक समझौते के तहत प्रधान बनाया गया था। अमरजीत सिंह, संदीप सिंह और सुरजीत सिंह ने उसमें हस्ताक्षर किये थे, लेकिन अब उन्होंने भी संगत का साथ दिया है।
मंगलवार को ही कुलविंदर सिंह ने कमेटी का विस्तार किया था। जसवंत सिंह ने दावा किया है कि अमरजीत ने कल की टीम घोषित होने में अपनी सहमति नहीं दी थी। उन्होंने आज के घटनाक्रम की जानकारी सीजीपीसी को भी दे दी है। इस पूरे मामले के पीछे प्रधान कुलविंदर और सुरजीत ख़ुशीपुर के भाई कुलदीप ज्ञानी के बीच चल रहे विवाद को जोड़कर देखा जा रहा कि, हांलाकि अमरजीत और खुशीपुर को जानकारी लेने के लिए फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
ज़ब संगत गुरूद्वारा में जुटी तो कुलविंदर भी मौजूद रहे, लेकिन नई कमेटी की घोषणा के वक्त वह वहां नहीं थे। इस दौरान जसपाल सिंह, अवतार सिंह, जसवत सिंह, बिक्रम सिंह, सोनू सिंह, साधु सिंह, स्त्री सत्संग सभा की पूरी टीम मौजूद थी। इस पूरे मामले में कुलविंदर सिंह ने भी अपना पक्ष रखा। विधायक सरयू राय के कार्यालय से बयान जारी होने पर कुलविंदर ने भी बड़ा बयान दिया, हालांकी फतेह लाइव को वह बयान जारी नहीं हुआ है।
विधायक जी को मुझसे क्या तकलीफ है, प्रधान बनने को गुरु वाला मर्यादा जीवन चाहिए
बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान कुलविंदर सिंह ने विधायक सरयू राय जी से पूछा है कि उनको मुझे क्या तकलीफ है। मुझे हटाने के लिए उनको इतनी रुचि क्यों है।
क्यों उनके कार्यालय के व्यक्ति द्वारा मेरे खिलाफ अखबारों और मीडिया को रिलीज भेजा गया है? विधायक जी इस मामले को संज्ञान में लें और उचित कार्रवाई करें।
प्रधान कुलविंदर सिंह ने कहा कि अवतार सिंह सोखी को कुछ बाहरी तत्वों ने स्वयंभू प्रधान घोषित किया है।
जो व्यक्ति गुरु मर्यादा के अनुसार जीवन जी नहीं सकता वह प्रधान बनने का हकदार नहीं होता है।
प्रधान पद पर वही आ सकता है जिसने अमृत छका हो। सरदार अवतार सिंह सोखी इतनी बेसब्री क्यों दिखा रहे हैं। अवतार सिंह को प्रधान बनाने में विधायक जी को इतनी रुचि क्यों है?
अवतार सिंह का बेटा सरयू राय जी की पार्टी के युवा मोर्चे में पदाधिकारी है। तो पदाधिकारी के लिए किसी सज्जन व्यक्ति के खिलाफ कदम उठाना कहां तक जायज है।
कुलविंदर सिंह ने कहा कि मैं अगले तीन साल तक के लिए प्रधान है और कोई भी ताकत मुझे प्रधान पर से नहीं हटा सकती है। विधायक जी अपने कार्यालय से पूछे कि उनके स्टाफ ने अखबारों को समाचार क्यों भेजा गया है। गुरुद्वारों की धार्मिक मामलों से विधायक जी को दूर रहना चाहिए क्योंकि वह एक बहुत ही संविधानविद हैं।
यदि एक अदने से प्रधान के लिए विधायक जी का नाम और प्रभाव का इस्तेमाल होता है तो वाकई दुखदाई है।
गुरुद्वारा में शाम को भारतीय जनता युवा मोर्चा नेता ने गुमराह कर स्त्री सत्संग सभा और संगत को गलत जानकारी दी कि गुरु गोविंद सिंह जी के गुरु पर्व के लिए बैठक है। फिर वहां बिना सोचे समझे अवतार सिंह को इन्होंने सिरोपा डाल दिया, माला पहना दिया और प्रधान चुन लिया।
बारीडीह गुरुद्वारा की परंपरा है कि बैसाखी में ही प्रधान चुना जाता है। सरदार सुरजीत सिंह खुशीपुर ने अपने रिश्तेदार जसपाल सिंह की बजाए मुझे इसलिए प्रधान बनवाया था कि वह गुरमुख सिंह मुखे के सामने टिक नहीं रहे थे। उन्हें पता था कि कुलविंदर सिंह पत्रकार है वकील है और वह अराजक तत्व का सामना कर सकता है और इसीलिए मोहरा बनाकर मुझे प्रधान बनाया गया।
मुझे पदलिप्सा नहीं है। फरवरी 2021 में मुझे समझौते के तहत प्रधान चुना गया और सितंबर में तब मैंने तब चार्ज लिया । जब मैं अमृत पाण कर पूरा गुरु वाला बन गया था। अवतार सिंह सोखी गुरु वाला बन जाए और आकर चार्ज ले ले।
प्रणाम सर मैं कुलविंदर सिंह, क्या आपके कार्यालय के व्यक्ति ने पद का दुरुपयोग नहीं किया है? नहीं किया है तो कोई बात नहीं यदि उसने किया है और आप समझते हैं उसने गलत किया है ? तो इस मामले को संज्ञान में लीजिए और उस पर कार्रवाई कीजिए?