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आईआईटी खड़गपुर के एग्रीकल्चर एंड फूड इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. दिलीप कुमार स्वांग को कृषि विशेषज्ञ एवं आटी पुआल मशरूम प्रा. लि. बंदोवान के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. अमरेश महतो ने स्टार्टअप के तहत विकसित की गई नई तकनीक से उगाई गई पुआल छातु (पेडी स्ट्रॉयड मशरूम) भेंट की। इस मौके पर आईआईटी खड़गपुर के बिक्रम भुइयां, झूमर मजुमदार सहित डॉ. अमरेश महतो के साथ झारखंड और बंगाल से कई प्रगतिशील किसान आईआईटी खड़गपुर परिसर में उन्नत व गुणवत्ता पूर्ण वर्मिंग कम्पोस्ट निर्माण हेतु आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के लिए पहुंचे थे।

उक्त प्रशिक्षण शिविर में महिला किसान श्रीमती पूर्णिमा महतो, शक्तिनाथ महतो, संजीव महतो एवं दीनबंधु ट्रस्ट के महासचिव नागेन्द्र कुमार सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे। मौके पर डॉ. अमरेश महतो ने बताया कि पुआल छातु, जो केवल बरसात में होता है, अब नई तकनीक के माध्यम से सालभर और सभी प्रकार की जमीन पर उगाया जा रहा है — वह भी कम पूंजी, कम मेहनत और कम समय (मात्र 13 से 14 दिन) में। अर्थात्, महीने में दो बार इसकी खेती संभव हो रही है।

उनके सफल मार्गदर्शन में पश्चिम बंगाल के अलावा झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के कई किसान गर्मी के मौसम में भी इस मशरूम की अच्छी उपज ले रहे हैं, जिसकी बाजार में 400 से 500 रुपए प्रति किलो तक मांग है। मशरूम के साथ-साथ जैविक खेती के माध्यम से कसावा, स्वीट पोटैटो (शुगर व ग्लूटन फ्री) तथा हाई प्रोटीन (10.3%) युक्त सीआर धान-310 की भी खेती की जा रही है और बेस्ट मैनेजमेंट पर कार्य हो रहा है।  इसी उद्देश्य के तहत, श्रेष्ठ जैविक पदार्थों से वर्मिंग कम्पोस्ट निर्माण की तकनीक सीखने हेतु उक्त सभी किसान आईआईटी खड़गपुर द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहे हैं।

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