• धर्मगुरुओं ने बाल विवाह विरोधी अभियान में बढ़ाया समर्थन

फतेह लाइव, रिपोर्टर

देश में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम कर रही जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) और आदर्श सेवा संस्थान ने बाल विवाह की रोकथाम के लिए एक प्रभावी जागरूकता अभियान शुरू किया है. अक्षय तृतीया और शादी-ब्याह के मौसम को ध्यान में रखते हुए, आदर्श सेवा संस्थान ने विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों के बीच इस अभियान को चलाया. इस पहल का उद्देश्य यह था कि कोई भी बाल विवाह बिना धार्मिक पुरोहित की सहमति के संपन्न न हो सके. अभियान के सकारात्मक परिणामों से यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष अक्षय तृतीया पर जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होगा. इसके साथ ही जिले के तमाम मंदिरों और मस्जिदों के बाहर बोर्ड लगाए गए हैं, जिन पर लिखा है कि यहां बाल विवाह की अनुमति नहीं है.

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बाल विवाह के खिलाफ कानून और जागरूकता की कमी को दूर करने की कोशिश

जेआरसी का उद्देश्य 2030 तक देश से बाल विवाह को खत्म करना है, और इसके लिए उन्होंने ‘चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया’ अभियान शुरू किया है. आदर्श सेवा संस्थान की निदेशक डॉ. निर्मला शुक्ला ने बताया कि देश में बाल विवाह के खिलाफ जरूरी जागरूकता की कमी है. वे इस तथ्य पर जोर देती हैं कि अधिकांश लोग नहीं जानते कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत एक दंडनीय अपराध है, और इस अपराध में शामिल होने पर दो साल की सजा और जुर्माना हो सकता है. इस कानून के तहत विवाह संपन्न कराने वाले पंडितों, मौलवियों और यहां तक कि शादी के अन्य पक्षों को भी अपराधी माना जा सकता है.

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धर्मगुरुओं की सक्रिय भूमिका से बाल विवाह को रोकने की उम्मीद बढ़ी

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य धर्मगुरुओं और पुरोहितों के बीच जागरूकता फैलाना था, क्योंकि यही वह वर्ग है जो शादी संपन्न कराता है. डॉ. शुक्ला ने बताया कि उन्होंने धर्मगुरुओं को यह समझाया कि बाल विवाह बच्चों के साथ बलात्कार जैसा अपराध है, और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की से विवाह करना पोकसो कानून के तहत बलात्कार माना जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि धर्मगुरुओं का इस अभियान में समर्थन प्राप्त करना एक अहम कदम है, क्योंकि यदि वे बाल विवाह का विरोध करते हैं, तो यह अपराध समाप्त हो सकता है. इस अभियान के प्रति धर्मगुरुओं का समर्थन अभूतपूर्व है, और आदर्श सेवा संस्थान को विश्वास है कि जल्द ही पूर्वी सिंहभूम को बाल विवाह मुक्त बना लिया जाएगा.

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