• आंदोलनकारियों और सामाजिक नेताओं ने अर्पित की भावभीनी श्रद्धांजलि

फतेह लाइव, रिपोर्टर

झारखंड आंदोलन के महान नेता और विस्थापितों के संघर्ष के अग्रदूत कपूर बागी जी का निधन हो गया. आज उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके पैतृक गांव चिलगु-चाकुलिया स्थित ‘मितान जुमीद’ में रखा गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री के साथ उनके पारिवारिक सदस्य जैसे मामा किस्कू जी, ममेरा भाई दिलीप किस्कू और कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे. इसके अलावा झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा, झारखंड आंदोलनकारी फाउंडेशन, और चांडिल क्षेत्र के कई सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि भी कपूर बागी जी के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे.

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झारखंड आंदोलनकारियों ने कपूर बागी जी के योगदान को किया याद

कपूर बागी जी का जीवन संघर्ष, ईमानदारी और सादगी का प्रतीक था, वे शिबू सोरेन के करीबी सहयोगी थे, लेकिन उन्होंने कभी इस रिश्ते का राजनीतिक लाभ नहीं उठाया. वे कोल्हान क्षेत्र के प्रमुख आंदोलनों में अग्रिम पंक्ति में खड़े नजर आते थे. विस्थापित मुक्ति वाहिनी के माध्यम से उन्होंने हजारों विस्थापितों की आवाज को समाज में उठाया. उनके योगदान के कारण उन्हें न केवल झारखंड में बल्कि पूरे क्षेत्र में सम्मान प्राप्त था. उनका जीवन प्रेरणा देने वाला था, जो उनके संघर्ष के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है.

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झारखंड आंदोलन में कपूर बागी जी का योगदान सदैव याद रखा जाएगा

कपूर बागी जी का निधन शुगर, हाई बीपी और किडनी से जुड़ी बीमारियों के कारण हुआ. उनके निधन से झारखंड ने एक निःस्वार्थ, सिद्धांतनिष्ठ और संघर्षशील नेता को खो दिया है. उनके परिवार में अब पत्नी सुकुरमनी टुडू और वृद्ध माँ की जिम्मेदारी है. उनका अंतिम संस्कार आज सुबह 11 बजे उनके गांव से निकलेगा, जिसमें झारखंड सरकार के प्रतिनिधियों और सैकड़ों लोग शामिल होंगे. उनके जीवन का आदर्श और संघर्ष हमेशा झारखंड के लोगों के दिलों में जीवित रहेगा.

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