ऑल इंडिया सिख कोऑर्डिनेशन कमेटी में झारखंड की भी भागीदारी

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जमशेदपुर के अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन एवं रिटायर्ड आईपीएस पदाधिकारी इकबाल सिंह लालपुरा का समर्थन किया है कि पूरे देश में सिखों को एक सूत्र में पिरोने के लिए ऑल इंडिया सिख कोऑर्डिनेशन कमिटी का गठन किया जाना चाहिए। अधिवक्ता कुलविंदर सिंह चेयरमैन सरदार लालपुरा की इस तर्क से सहमत है कि सिख समुदाय वर्तमान में राजनीतिक और सामाजिक रूप से नेतृत्व विहीन है।

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इस शून्य को भरने के लिए नए नेतृत्व की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने चेयरमैन को राष्ट्रीय स्तर पर ईमानदारी से पहल करने की अपील की है। देश के नामचीन संवेदनशील सिखों को जोड़ने का आग्रह किया है। जिससे यह नहीं लगे कि यह एक खास राजनीतिक दल अथवा विचारधारा का पोषण करता है। इसमें झारखंड के सिख नेतृत्व को उचित भागीदारी हिस्सेदारी देने की भी जरूरत है। झारखंड में कई बड़ी सिख हस्तियां हैं जिन्होंने आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक क्षेत्र में अपनी शोहरत को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बुलंद किया है।

स्वतंत्रता से पहले और बाद के कालखंड में सिखों ने हर क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया। पंजाब की सरकारों के असंवेदनशील व्यवहार के कारण देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले संवदेनशील सिखों की चेतना को आहत और परेशान किया है। अधिवक्ता कुलविंदर सिंह के अनुसार नया नेतृत्व महाराजा रणजीत सिंह की तरह दूरदर्शी और धर्मनिरपेक्ष हो किंतु सिख इतिहास और परंपराओं का अनुपालन कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक फलक पर चमके।

जिस पर देश-विदेश के सिख समुदाय के साथ हर भारतीय भी गर्व करे। शिक्षा और रोजगार में वृद्धि हो, पंजाब के साथ पूरे देश भर में शांति का माहौल हो। इसके साथ ही राष्ट्रीय सरकार के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध समुदाय की उन्नति के लिए एक आवश्यक कारक है। अधिवक्ता कुलविंदर सिंह के अनुसार आज सांस्कृतिक विरासत, परंपरा और गुरमुखी का संरक्षण एवं उन्नयन जरूरी है। समुदाय और राष्ट्र के प्रति अपनापन का बोध भी जरूरी है। सभी जरूरतमंद सिखों को उनकी क्षमता शैक्षणिक योग्यता के अनुसार सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें मिले तथा पश्चिमी देशों को होने वाला पलायन रुके। इसकी आज ज्यादा जरूरत है।

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