फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर कोर्ट के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार के खिलाफ उनके आवास में काम करने वाली महिला ने कई संगीन आरोप लगाते हुए बिष्टुपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है. शिकायत में पीड़िता ने नरेंद्र कुमार को पति बताते हुए झांसा देकर विवाह करने, शारीरिक एवं मानसिक रुप से प्रताड़ित करने के साथ-साथ तीन बार गर्भपात करवाने का आरोप लगाया है.
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पीड़िता ने प्रधान जज के पास इसकी लिखित शिकायत भी की थी. इसके पूर्व जज नरेंद्र कुमार की पत्नी ने महिला पर 1.50 लाख रुपये रंगदारी मांगने, घर से सामान चोरी करने और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए बिष्टुपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसकी जांच पुलिस कर रही है.
यह लिखा है शिकायत में
शिकायत में पीड़िता ने बताया है कि पूर्व में वह शादी शुदा है. पहले पति से उसके तीन बच्चे है. साल 2017 में पति की मौत हो गई थी. साल 2021 में उसने जज नरेंद्र कुमार के घर पर काम करना शुरु किया. इसी बीच नरेंद्र कुमार ने कहा कि वह एक तलाकशुदा व्यक्ति है, वह शादी करना चाहता है. बच्चे की शिक्षा का खर्च वहन करुंगा. बच्चों की खातिर पीड़िता ने शादी के लिए हां कह दिया. 26 जनवरी 2022 को कमरे में ही भगवान की तस्वीर के सामने मांग में सिंदूर भर दिया. इसके बाद दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने. दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे. इस बीच वह गर्भवती हो गई तो नरेंद्र कुमार ने गर्भपात करवा दिया. विवाह के पंजिकरण का दबाव बनाने पर चंडिगढ़ ले गए और वहां मनसा मंदिर में शादी की. 22 अक्तूबर 2022 को मंदिर कमेटी ने शादी का प्रमाणपत्र भी निर्गत किया.
जज के परिवार वालों ने भी किया स्वीकर
पीड़िता ने बताया कि नरेंद्र कुमार अपने पैतृक निवास स्थान तथा अपनी नानी के घर साहेबगंज लेकर गए, जहाँ उनके पिता तथा समस्त परिवार ने बहू के रुप में भी स्वीकार किया. इसी दौरान वह दोबारा गर्भवती हुई लेकिन जब इसकी जानकारी नरेंद्र कुमार को दी तो फिर से मुझे बच्चा गिराने की बात कहने लगे. जब पीड़िता ने इसका विरोध किया तो नरेंद्र कुमार ने पेट में जोर से लात मारा जिससे गर्भपात हो गया. वह दर्द से कराहती रही लेकिन अपनी बदनामी के डर से मेरे नरेंद्र अस्पताल नहीं ले गए. इसी बीच नरेंद्र कुमार ने महाराष्ट्र की रहने वाली शीतल नागले नामक युवती के साथ 15 दिसंबर 2023 को विवाह कर लिया. जब इसका विरोध किया तो उसे मानसिक तथा शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा.
मारपीट कर घर से निकाला
पीड़िता ने बताया कि वह मजबूरी के कारण सब कुछ सहती रही लेकिन जनवरी 2024 में जब वह तीसरी बार गर्भवती हुई तो दोनों ने मिलकर बहुत मारा पिटा जिससे तीसरी बार गर्भपात हो गया. दिनांक 30 जून 2024 को नरेंद्र ने मारपीट करते हुए घर से निकाल दिया. जिसके बाद वह जमशेदपुर कोर्ट के रजिस्ट्रार सिधांत तिग्गा से मिली. रजिस्ट्रार ने एक हजार रुपये दिए और टेम्पो से अस्पताल भेज दिया जहाँ इलाज किया गया. पीड़िता ने बताया कि नरेंद्र ने अपने पद एवं पहचान का दुरुपयोग करते हुए बिष्टुपुर थाने में एक झूठी प्राथमिकी भी दर्ज करवा दी है. पीड़िता ने बताया कि उसे जान का खतरा है. इधर, मामले को लेकर डीएसपी सीसीआर अंजनी तिवारी ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु की जा रही है. जांच में अगर आरोपी दोषी पाए जाते है तो उचित कार्रवाई की जाएगी.