- मतदाता सूची की त्रुटियां सुधारने और निष्पक्ष चुनाव के लिए राजनीतिक दलों से मांगे गए सुझाव
फतेह लाइव, रिपोर्टर











भारत के चुनाव आयोग के निर्देश पर चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत करने के उद्देश्य से, जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, मतदाताओं का पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम 1961 और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के संबंध में चर्चा की गई. बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से सुझाव भी आमंत्रित किए गए.
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मतदाता सूची में सुधार और बीएलओ के सहयोग की अपील
बैठक में अनन्य मित्तल ने चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए मतदाता सूची के त्रुटिरहित निर्माण पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि प्रत्येक मतदाता का नाम सही तरीके से मतदाता सूची में होना चाहिए और इसे समय-समय पर अपडेट किया जाना चाहिए. इसके लिए उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्र के बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) से निरंतर संपर्क बनाए रखें और मतदाता सूची में सुधार के लिए सहयोग करें. इसके अलावा, उन्होंने बताया कि एक बार में बूथ लेवल एजेंट या कार्यकर्ता अधिकतम 10 आवेदन प्रपत्र बीएलओ को जमा कर सकते हैं.
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निर्वाचन व्यय और उम्मीदवारों के लिए नई प्रक्रिया पर चर्चा
बैठक के दौरान निर्वाचन व्यय के मुद्दे पर भी चर्चा हुई, जहां राजनीतिक दलों ने जिला स्तर पर निर्धारित टेंडर दर की पुनः समीक्षा करने और व्यय अनुश्रवण टीम द्वारा व्यय का आकलन करने की मांग की. इस पर उपायुक्त ने कहा कि भविष्य में दर निर्धारण के समय राजनीतिक दलों के विचारों को भी ध्यान में रखा जाएगा. इसके अलावा, शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में अनुपस्थित मतदाताओं के नाम सूची से हटाने की प्रक्रिया पर भी विचार किया गया, और उपायुक्त ने इस पर कारवाई करने का आश्वासन दिया.
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बैठक में एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान, एसडीएम धालभूम शताब्दी मजूमदार, एडीसी भागीरथ प्रसाद, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे. राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में सक्रिय रूप से भाग लिया और चुनाव प्रक्रिया को अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए सुझाव दिए. बैठक के दौरान उपस्थित अधिकारियों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने चुनावी प्रक्रियाओं में सुधार और मतदाताओं के अधिकारों के संरक्षण पर चर्चा की.