फतेह लाइव, रिपोर्टर.
प्रधानमंत्री ने नेशनल हाईवे 33 फोरलेन में सफर का आनंद लिया और जमशेदपुर पहुंच कर एक सभा को सम्बोधित भी किया।अब उनसे झारखण्ड की जनता से जुड़े कुछ सवाल पूछना चाहता हूं।
1)आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड लागू हुआ क्या?या वे यदि आदिवासी समुदाय के हितैषी हैं तो कब तक इसकी घोषणा करेंगे?
2)एक पिछड़ा जाति से वे आते हैं। चुनावी भाषणों में भी जिक्र करते है तो पिछड़ों के लिए 27 % आरक्षण के विषय में कोई घोषणा उन्होंने किया क्या, नहीं तो क्यों नहीं किया?
3)झारखण्ड की चुनी सरकार को अपदस्थ करने के लिए व्याकुल भाजपा क्या कथित तौर पर अपमानित हुए चम्पाई सोरेन को एनडीए का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेगी?
4)सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी झारखंड का बकाया पैसा केंद्र सरकार ने हड़प लिया है। प्रधानमंत्री जी बताये कि झारखंड को 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये का बकाया भुगतान करने का आदेश दिया क्या?
5)दो साल पहले प्रधानमंत्री ने नेशनल हाईवे 33 के फोरलेन कार्य का उद्घाटन ऑनलाइन किया था। आज वे स्वयं नेशनल हायवे 33 फोरलेन पर सफर किए इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं का अभिवादन भी स्वीकार किए लेकिन क्या उन्होंने देखा कि चांडिल गोलचककर के बाद करीब एक किलोमीटर सड़क का निर्माण आज भी अधूरा पड़ा हुआ हैं। दूसरी तरफ आज भी रेलवे ओवरब्रिज का कार्य अधूरा है, जिस कारण आये दिन जाम होता हैं और सड़क दुर्घटना में झारखंड की जनता की जान जा रही है, तो इन मौतों की जिम्मेदारी किसकी हैं? इन मौतों का भी कोई जाँच होगा प्रधानमंत्री जी?
दो साल पहले जिस सड़क का ऑनलाइन उद्घाटन आपने किया था आज उस नेशनल हाईवे की स्थिति है कि सड़क पर गड्ढे हो गए हैं, कहीं पर फोड़े जैसे फूल गए हैं क्या इस भ्रष्टाचार की जाँच कराएंगे प्रधानमंत्री जी? झारखंड की जनता का यह सवाल इसलिए जायज है, क्यूंकि आज आपने सारे प्रोटोकॉल तोड़कर आपने इस सड़क से यात्रा की हैं।
झारखंड भाजपा हमारी सरकार पर लॉ एंड आर्डर खराब होने और नक्सली एवं आतंकवादी गतिविधियों के होने का दुष्प्रचार करती हैं। आज आपने बिना किसी पूर्व निर्धारित सूचना एवं तैयारी के 130 किलोमीटर तक सड़क मार्ग से यात्रा की और कार्यक्रम समाप्त होने के बाद पुनः उसी सड़क से वापस आये, आपसे पूछना चाहता हूँ कहीं भी सुरक्षा में कमी आपको दिखी? लॉ एंड आर्डर में कोई दिक्कत दिखी? यही है झारखंड में मजबूत इंडिया गठबंधन सरकार की मजबूती और झारखंड पुलिस और अधिकारियों की लग्नशीलता एवं बेहतर कानूनी सेवा एवं व्यवस्था का स्वरूप।