फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जमशेदपुर के बर्मामाइंस स्थित मुखी बस्ती से एक अत्यंत मार्मिक और हृदयस्पर्शी घटना सामने आई है. एक मासूम बच्चा, जिसने अभी जीवन को ठीक से समझना भी नहीं सीखा था, इस दुनिया को अलविदा कह गया. उसके माता-पिता पहले ही इस संसार से विदा हो चुके थे. अब जब यह मासूम भी चला गया, तब उसके अंतिम संस्कार की ज़िम्मेदारी उठाई समाजसेवी रवि जयसवाल ने, जिन्होंने दाह संस्कार की सम्पूर्ण क्रिया-कर्म एवं राशन सामग्री की व्यवस्था कर एक सच्चे इंसानियत के प्रहरी होने का परिचय दिया.

इस मासूम के पीछे एक छोटा भाई और एक छोटी बहन रह गए हैं. दोनों पूर्णतः असहाय और माता-पिता के स्नेह से वंचित. इस विषम परिस्थिति में रवि जयसवाल ने न केवल अंतिम संस्कार की समुचित व्यवस्था की, बल्कि इन बच्चों को एक अभिभावक जैसा संबल प्रदान कर समाज में करुणा और संवेदना का संदेश दिया.

रवि जयसवाल ने कहा:

“जब मैंने इन बच्चों को देखा, जिनकी आंखों में भय और भविष्य के प्रति अनिश्चितता थी, तो मेरा दिल द्रवित हो उठा. यह केवल सामाजिक ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि मेरे अंतर्मन की पुकार थी. आज ज़रूरत है कि हम सभी मिलकर ऐसे बच्चों के लिए आगे आएं और एक सुरक्षित भविष्य की नींव रखें.”

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने जयसवाल के इस भावनात्मक और जिम्मेदार कार्य की भूरी-भूरी प्रशंसा की. उन्होंने इसे मानवता की सच्ची सेवा और प्रेरणा का प्रतीक बताया. यह घटना न केवल एक मासूम की विदाई है, बल्कि यह भी साबित करती है कि इस समाज में अब भी संवेदनशील हृदय धड़कते हैं, जो ज़रूरतमंदों के लिए फ़रिश्ते बनकर सामने आते हैं.

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