फतेह लाइव, रिपोर्टर
पैसों की जरूरत किसे नहीं पड़ती. अगर आपको भी पैसों की जरूरत है तो पर्सनल लोन सही ऑप्शन हो सकता है. आईए जानते हैं कि पर्सनल लोन कितने तरह के होते हैं और यह कैसे प्राप्त किया जा सकता है. पर्सनल लोन दो तरह के होते हैं. एक रेगुलर पर्सनल लोन और दूसरा प्री अप्रूव्ड पर्सनल लोन. प्री अप्रूव्ड पर्सनल लोन किस तरह से रेगुलर लोन से अलग है आइये हम यहां सबकुछ विस्तार से जानते हैं…
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प्री अप्रूव्ड पर्सनल लोन (बिना कागजात के लोन)
प्री अप्रूव्ड पर्सनल लोन में बॉरोअर्स को किसी भी तरह के कागजात देने की जरूरत नहीं है. प्री अप्रूव्ड लोन लेने के लिए बॉरोअर्स को बैंक में अप्लाई करने या कोई डॉक्यूमेंट जमा करने की जरूरत नहीं होती. ये लोन बैंक अपने कस्टमर्स को उनकी एग्जिस्टिंग रिलेशनशिप के आधार पर देती है. बैंक पहले ही ये देख लेती है कि ग्राहक उनकी एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा कर रहा है या नहीं. आमतौर पर, बैंक हाई क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को ही ये लोन देती है. जिन ग्राहकों का पहले से लोन चल रहा है उन्हें भी टॉप-अप के रूप में प्री अप्रूव्ड लोन ऑफर किया जाता है.
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रेगुलर पर्सनल लोन (कागजात वाला लोन)
किसी भी बैंक या NBFC में रेगुलर पर्सनल लोन अप्लाई करने के लिए आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ से लेकर बैंक स्टेटमेंट जैसे डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है. बैंक या NBFC इनकम, कैश-फ्लो, क्रेडिट स्कोर और री-पेमेंट कैपेसिटी के आधार पर ये लोन देते हैं. इसी आधार पर ब्याज दर भी तय होती है. अच्छी री-पेमेंट कैपेसिटी, अच्छा क्रेडिट स्कोर और इनकम से आवेदक को कम ब्याज पर लोन मिल जाता है. हालांकि, इस लोन के प्रोसेस में प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन की तुलना में ज्यादा समय लगता है.