- भाषा के नाम पर हिंसा और प्रांतवाद को लेकर जताई चिंता, महाराष्ट्र सरकार से की सख्त कार्रवाई की मांग
- राजनीति में गुंडागर्दी की नहीं, जनसेवा की हो जरूरत: एनसीपी नेता की दो टूक
फतेह लाइव, रिपोर्टर
एनसीपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता डॉ. पवन पांडेय ने एक गंभीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर अपनी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि राज ठाकरे की पार्टी के कार्यकर्ता उत्तर भारतीयों (हिंदी भाषियों) को मराठी भाषा की आड़ में चुन-चुनकर मार रहे हैं, अपमानित कर रहे हैं और सस्ती राजनीतिक लोकप्रियता पाने की कोशिश कर रहे हैं. डॉ. पांडेय ने इस प्रकार की गतिविधियों को देश को बांटने की नीति करार देते हुए सरकार से तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है.
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प्रांतवाद के नाम पर हिंसा, क्या मुंबई अब किसी पार्टी की निजी संपत्ति बन गई है?
डॉ. पांडेय ने पत्र में सवाल उठाया है कि क्या अब भारतवासियों को भाषा के नाम पर अपमानित होना पड़ेगा? क्या अब कोई व्यक्ति किसी प्रदेश में सिर्फ इसलिए मारा जाएगा क्योंकि वह वहां की भाषा नहीं जानता? उन्होंने यह भी कहा कि भाषा संवाद का माध्यम है, न कि किसी को शर्मिंदा करने का औजार. उन्होंने राज ठाकरे पर आरोप लगाया कि उनका उद्देश्य कमजोर वर्गों को निशाना बनाकर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को धमकाना और अवैध धन उगाही करना है, जो कि साफ तौर पर माफिया गतिविधियों जैसा है.
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क्या राज ठाकरे की पार्टी अब मुंबई के माफिया गिरोह की भूमिका निभा रही है?
एनसीपी नेता ने पत्र के अंत में यह स्पष्ट किया कि राजनीतिक दल की आड़ में गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने मांग की कि राज ठाकरे की पार्टी को तत्काल प्रतिबंधित किया जाए ताकि भविष्य में कोई और संगठन या नेता भाषाई या प्रांतीय आधार पर नफरत फैलाने की हिम्मत न कर सके. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि राजनीति को जनसेवा से जोड़ने के बजाय दहशतगर्दी और उगाही से जोड़ने वाले नेताओं पर कठोर कदम उठाया जाए.