• पूर्वी सिंहभूम में भव्य रूप से मनाया जाएगा राजस्थान महोत्सव

फतेह लाइव, रिपोर्टर

आज राजस्थान दिवस के शुभ अवसर पर, हम इस वीरभूमि की अद्वितीय संस्कृति, परंपरा और गौरवशाली इतिहास को नमन करते हैं. 30 मार्च 1949 को राजस्थान का एकीकरण हुआ, जिसने इसे एक संगठित और सशक्त राज्य के रूप में स्थापित किया. राजस्थान अपनी समृद्ध परंपराओं, शौर्य गाथाओं और व्यापारिक कुशलता के लिए प्रसिद्ध है, जो न केवल भारत की शान है बल्कि मारवाड़ी समाज की जड़ों से भी गहराई से जुड़ा हुआ है. इस गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन राजस्थान दिवस को भव्य रूप से मनाने जा रहा है.

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मारवाड़ी समाज के लिए राजस्थान दिवस का महत्व

पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन दो दिवसीय राजस्थान महोत्सव का भव्य आयोजन करेगा. इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, परंपरागत लोक नृत्य, संगीत, व्याख्यान और अन्य रंगारंग प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा, जिससे राजस्थान की संस्कृति और विरासत को जन-जन तक पहुँचाया जाएगा. समारोह स्थल की उपलब्धता को देखते हुए तारीख अभी तय की जानी बाकी है, लेकिन इसकी भव्यता और उत्साह में कोई कमी नहीं रहेगी.

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राजस्थान महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलक

इस अवसर पर पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष श्री मुकेश मित्तल ने कहा, “राजस्थान दिवस केवल एक ऐतिहासिक दिन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपराओं और व्यापारिक कुशलता का उत्सव है. मारवाड़ी समाज ने न केवल राजस्थान बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाई है. आधुनिक भारत में भी हमें अपने पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखते हुए नवाचार और सामाजिक विकास की दिशा में अग्रसर रहना चाहिए. हमारी नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़े रहकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में योगदान देना होगा.”

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