• बोर्ड के पास प्रदूषण के रियल टाइम आंकड़े नही – सरयू राय
  • जमशेदपुर में एक भी सीएएक्यूएमएस स्थापित नहीं है
  • बोर्ड ने अपने कर्तव्य का निष्ठापूर्वक पालन नहीं किया
  • मेरे सवाल का भी विधानसभा में भ्रामक जवाब दिया गया
  • विधायक सरयू राय ने प्रदूषण नियंत्रण में सरकारी लापरवाही पर उठाए सवाल
  • मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट करने का किया अनुरोध

फतेह लाइव, रिपोर्टर

जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने जमशेदपुर में बढ़ते वायु प्रदूषण के प्रति गंभीरता से ध्यान आकर्षित करते हुए पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में विधायक ने शहर में प्रदूषण की स्थिति की जांच के लिए गठित की गई टीम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही पर चिंता व्यक्त की. पत्र में विधायक ने उल्लेख किया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद एक टीम गठित की गई थी, जिसने हाल ही में प्रमुख उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. श्री राय ने कहा कि हालांकि मुख्यमंत्री की गम्भीरता और राज्य सरकार की पहल सराहनीय है, लेकिन वह इस पहल की सफलता पर संदेहित हैं. उनका कहना है कि जमशेदपुर में वायु प्रदूषण पर सही आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास ऑनलाइन रियल टाइम प्रदूषण डेटा नहीं है.

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उन्होंने कहा कि एंबियंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड, 2009 के अनुसार, फैक्ट्रियों के भीतर और बाहर सीएएक्यूएमएस (कंटीन्यूअस एंबियंट एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग सिस्टम) स्थापित करना अनिवार्य है, लेकिन ज्यादातर फैक्ट्रियों ने यह सिस्टम सही तरीके से स्थापित नहीं किया है. इसके अलावा, जमशेदपुर में सार्वजनिक स्थानों पर जैसे साकची चौक, बर्मामाइंस चौक, डिमना चौक आदि पर एक भी सीएएक्यूएमएस स्थापित नहीं किया गया है. विधायक सरयू राय ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, रेड श्रेणी के उद्योगों को ओसीईएमएस (ऑनलाइन कंटीन्यूअस एमिशंस एंड इफ्यूलेंट मॉनिटरिंग सिस्टम) स्थापित करना अनिवार्य है, लेकिन यहां भी उद्योगों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही साफ दिखाई देती है. इसके अलावा, परिवहन और अन्य प्रदूषण के आंकड़े एकत्र करने के लिए भी शहर में कोई उपकरण स्थापित नहीं किया गया है.

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सरयू राय ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्थिति पर भी सवाल उठाए और बताया कि बोर्ड के सचिव और अध्यक्ष की नियुक्ति कई वर्षों से नहीं हुई है, जबकि हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश दिए थे. इसके बावजूद राज्य सरकार इस आदेश की अवहेलना कर रही है, और बोर्ड की कार्यप्रणाली भी नाकाम साबित हो रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे को गंभीरता से लिया जाए और सही कदम उठाने की दिशा में कार्यवाही की जाए. राय ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने 24 मार्च 2023 को इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया था, लेकिन सरकार ने इसका गलत उत्तर दिया.

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