फतेह लाइव, रिपोर्टर.
आनंद मार्ग प्रचारक संघ के जेम्को आजाद बस्ती के रहने वाले वरिष्ठ आनंदमार्गी राम सुंदर सिंह का निधन टेल्को हॉस्पिटल में दिनांक 16 अगस्त की सुबह हृदय गति रुक जाने के कारण हो गया. वे काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. 85 वर्षीय रामसुंदर सिंह ने अपने गांव बक्सर जिला के नगवा में ही सन् 1970 में आनंद मार्ग की आध्यात्मिक दीक्षा ली. आनंद मार्ग के आध्यात्मिक दर्शन से प्रभावित होकर आनंद मार्ग की के प्रचार प्रसार में लग गए. गृही आचार्य किसुन जी से ली.
शनिवार को उनका दाह संस्कार साकची स्वर्णरेखा घाट में आनंद मार्ग की पद्धति से संपन्न किया गया. आनंद मार्ग की पद्धति के अनुसार प्रभात संगीत प्रस्तुत किए जिसके बोल थे “धर्म आमारई साथी धर्म आमराई प्राण, परम पुरुष के मानी आमी ए ताहाराई दान|| जीवनेर प्रथम प्रभाते से छीलो आमाराई साधे”.
उसके बाद आनंद मार्ग की पद्धति के अनुसार शोकाकुल स्वर में बाबा नाम केवलम कीर्तन का किया. वैदिक मंत्र उच्चारण किया गया. मिलित ईश्वर प्राणिधान के बाद स्वर्गीय राम सुंदर सिंह का शव दाह संस्कार कर दिया गया.
श्राद्धकर्म में नहीं होता भोज
22 अगस्त शुक्रवार को उनका श्राद्ध अनुष्ठान आनंद मार्ग पद्धति से आनंद मार्ग जागृति गदरा में संपन्न किया जाएगा. श्राद्ध कार्यक्रम में किसी प्रकार का भोज भात नहीं होता. इस कार्यक्रम में महिलाओं ने भी श्मशान घाट पर दाह संस्कार कार्यक्रम में भाग लिया.
स्वर्गीय रामसुंदर सिंह के सुपुत्र उमेश सिंह, रमेश सिंह, दिनेश सिंह, अवधेश सिंह, राजेंद्र प्रसाद, आनंद मार्ग के भुक्ति प्रधान सुधीर सिंह, योगेश, लाल बिहारी आनंद, अजय देव, देवव्रत दत्ता, चंद्रभूषण प्रसाद, जय नारायण, सुनील आनंद तथा अन्य सम्मानित लोग भी उपस्थित थे.