फतेह लाइव, रिपोर्टर.
विश्व हिंदू परिषद झारखंड धर्माचार्य प्रमुख के डीएसपीएमवीएम राष्ट्रीय मार्गदर्शक मंडल सदस्य सोनारी गुरुद्वारा साहिब के चेयरमैन ट्रांसपोर्टर सरदार अवतार सिंह गांधी ने सरदार शैलेंद्र सिंह पर आरोप लगाया है कि पूरे इस्पात नगरी की सिखों की एकता को उन्होंने तार तार कर दिया है।
स्वार्थ सिद्ध के लिए झारखंड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी नामक फर्जी संस्था बनाकर स्वयंभू अध्यक्ष बने हुए हैं और अपना स्वार्थ सिद्ध करते रहते हैं।
वह बिना कुर्सी और सत्ता के नहीं रह सकता है। इस उद्देश्य और स्वार्थ पूर्ति के लिए यह सिख धार्मिक सामाजिक एवं राजनीतिक नेताओं को आपस में लड़ाते रहते हैं। पिछ्ले पांच छः सालों में तकरीबन डेढ़ दर्जन से ज्यादा मारपीट एवं हत्या के प्रयास के मामले शहर के विभिन्न थाना में दर्ज हैं।
यह जमशेदपुर के पलटुराम सिख हैं, इनका एक ही मकसद होता है कि सिख नेता आपस में लड़ते रहें। विभिन्न गुरुद्वारों में गुटबाजी और मारपीट होती रहे। इन सबका कारण एकमात्र यही व्यक्ति है। यह रात के अंधेरे में अकेले या अपने खास लोगों के साथ नेताओं के घर जाते हैं और एक दूसरे के खिलाफ भड़काते हैं। आलम यह है कि स्वार्थ सिद्ध करने को कभी यह इंद्रजीत सिंह, कभी भगवान सिंह और कभी गुरमुख सिंह के साथ रहता है।
यह सार्वजनिक रूप से दिन में जिनके साथ रहते हैं। रात में अकेले में उसके विरोधी के यहां जाकर खाना खाते हैं और पैर छूते हैं। अवसर पाते ही बड़े नेताओं के साथ फोटो खींचाता है और उसकी आड़ में वारा न्यारा करता है।
साल 1984 में श्री अकाल तख्त द्वारा जारी एलान का जिक्र करते हुए इस राष्ट्रवादी नेता अवतार सिंह ने कहा कि यह सच्चा सिख भी नहीं है। उस समय विरोध करने की बजाय कांग्रेस में बना रहा। टिकट के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा में गया। झारखंड में बीजेपी की सरकार बनी तो सत्ता की दलाली कर अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य बन गया। अब यह किस मुंह से उस पार्टी के लिए वोट मांग रहा है जिसका नेतृत्व देश में कांग्रेस कर रही है।