फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जमशेदपुर के असम से पिछले दिनों शहीदी जागृति यात्रा शहर आई थी. उसमें जो विवाद हुआ वह अंदर ही अंदर सिखों की राजनीति में आग बबूला हो रहा था. इसी बीच पिछले दिनों पटना साहेब से आई जागृति यात्रा के दौरान साकची गुरुद्वारा साहेब में जो भी घटनाक्रम हुआ है. उस मामले में कोल्हान के सिखों की सर्वोच्च संस्था, जो कि जिले में नए अफसरों के आने पर बुके, गुलदस्ते, अंग वस्त्र देकर यह दुहाई देते थे कि सिख समाज के विवाद पहले हमारी सर्वोच्च या अधीनस्थ गुरूद्वारे निपटाएंगे. उसके बाद मामला नहीं सुलझने पर थाना या प्रशासन उस पर हस्तक्षेप कर सकता है, लेकिन इसके उलट 25 सितम्बर की जागृति यात्रा ने सिखों की सर्वोच्च संस्था सीजीपीसी और साकची गुरुद्वारा कमेटी के आपसी विवाद के कारण हुई हिंसक झड़प के मामले में कई बड़े सिख नेता साकची पुलिस की जांच के लपेटे में आ गए हैं. साकची गुरुद्वारा के पिछले दिनों हुए विवाद में सिख समाज खुद को शर्मिंदगा महसूस कर रहा है.

सीजीपीसी प्रधान भगवान सिंह ने की गिरफ्तारी की पेशकश, पुलिस ने जांच का हवाला देकर लौटाया

इधर, खबर का दूसरा पहलू यह भी है कि रविवार को सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) के प्रधान सरदार भगवान सिंह ने साकची थाना पहुंचकर अपनी गिरफ्तारी की पेशकश की. यह मामला साकची गुरुद्वारा साहिब में शहीदी जागृति यात्रा के दौरान हुए विवाद से जुड़ा है, जिसमें उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी. हालांकि, साकची थाना प्रभारी आनंद मिश्रा ने जांच पूरी न होने का हवाला देकर उन्हें वापस लौटा दिया.

सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को पालकी साहिब वाली बस में तकनीकी खराबी के कारण रुकावट आई. भगवान सिंह ने चालक से बात कर बस को आगे बढ़ाने की कोशिश की लेकिन असफल रहे. इसके बाद साकची गुरुद्वारा और सीजीपीसी में, दो पक्षों के बीच विवाद हो गया, जिसमें धक्का-मुक्की हुई और मानगो निवासी हीरा सिंह की पगड़ी खुलने से तनाव और बढ़ गया.

इस घटना के बाद हीरा सिंह और साकची गुरुद्वारा कमेटी ने थाने में बयान दर्ज कराए. पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच चल रही है और जांच पूरी होने के बाद ही कोई कार्रवाई होगी. थाना प्रभारी ने भगवान सिंह को आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर नोटिस भेजा जाएगा, लेकिन अभी गिरफ्तारी नहीं होगी.

वहीं, साकची गुरुद्वारा कमेटी और सीजीपीसी के बीच समझौते की संभावनाओं पर भी बातचीत शुरू हो गई है. खैर, ये तो वक्त बताएगा कि सिख राजनीति में आने वाले मौसम ठंड की तरह ठंडक बन जाये. वहीं पुलिस ने स्पष्ट किया कि निष्पक्ष जांच के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा. डीएसपी मामले का सुपरविजन करेंगे.

साकची थाना में भगवान सिंह के समर्थन ने यह दर्ज कराई शिकायत

मानगो गुरुद्वारा रोड निवासी हीरा सिंह हूं. 25 सितम्बर को दोपहर दो से ढाई बजे के समीप वह जागृति यात्रा के दर्शन के लिए गया हुआ था.
उसी समय गंभीर टायर दुकान के समीप खजान सिंह, वरियम सिंह, सत्येंद्र सिंह रोमी, बलबीर सिंह, हरपाल सिंह, सतनाम सिंह, हरजोत सिंह एवं अन्य चार-पांच व्यक्ति जो साकची गुरुद्वारा के पास रहते हैं. जान मारने की नियत से गाली गलौज करते हुए हमला कर दिया. रोमी मेरा गला दबाने लगा. वरियाम सिंह कड़े से सर पर मारने लगा. इससे मैं घायल हो गया. वरियाम सिंह जान मारने की नियत से एवं हरजोत सिंह सिद्धू धारदार वास्तु से हाथ में मारा, जिससे मेरा उंगली कट गया. बलबीर सिंह ने मुझे मारकर जमीन पर गिरा दिया और मेरी पगड़ी खोलकर फेंक दी. रोमी अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं. उसने जान मारने की धमकी दी है.

साकची गुरुद्वारा कमेटी की प्राथमिकी पर भी डालें एक नजर

साकची हीरा सिंह बगान न्यू कालीमाटी रो निवासी सतपाल सिंह राजू जो कि साकची गुरुद्वारा के निष्क्रिय सदस्य हैं. 25 को जागृति यात्रा के कार्यक्रम में साकची गुरुद्वारा में सुबह 11 बजे से शामिल हुआ था. इस दौरान जब यात्रा के सभी सदस्य जलपान कर रहे थे. उसी क्रम में पालकी बस, जिसमें गुरूजी विराजमान थे. सीजीपीसी प्रधान भगवान सिंह बिना किसी को जानकारी दिए जूते पहनकर बस को ले जाने लगे. इस क्रम में बस तकनिकी खराबी के कारण बंद हो गई. जब संगत को इस बाबत जानकारी हुई तो धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाए जाने का विरोध किया. जिसके बाद भगवान सिंह, सुखविंदर सिंह राजू और उनके साथियों द्वारा मेरे साथ गाली गलौज और जान से मारने की धमकी दी गई. परंतु थाना पुलिस के हस्तक्षेप से मामले को शांत कराया. फिर दोपहर समय लगभग ढाई बजे मैं, जसविंदर सिंह उर्फ़ मोनी और संगत भजन कीर्तन कर रहे थे, तभी फिर भगवान सिंह, सुखविंदर सिंह राजू, पुत्र मनवीर सिंह, भगवान सिंह का चालक राजू पांडे, जगजीत सिंह, हरविंदर सिंह उर्फ़ मंटू, अजीत सिंह गंभीर, जसवंत सिंह उर्फ़ जस्सू, जुझार सिंह, गुरचरण सिंह बिल्ला, हीरा सिंह एवं शैलेन्द्र सिंह साजिश के तहत जान मारने की नियत से मुझपर धारदार हथियार से हमला किये. उन्होंने सोने की चेन छिन ली. मोनी ने जब मुझे बचाने का प्रयास किया गया तो उनपर भी जानलेवा हमला कर दिया गया. आपको बता दें कि दोनों मामले में घायलों ने अपना इलाज एमजीएम अस्पताल में भी कराया है.

Share.
© 2025 (ਫਤਿਹ ਲਾਈਵ) FatehLive.com. Designed by Forever Infotech.
Exit mobile version